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इन दो बड़े हाइवे पट्टियों में भारतीय वायुसेना के विमानों की होगी आपात लैंडिंग

सूत्रों ने बताया कि चिन्हित किए गए इलाकों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण किया जाएगा ताकि आपात समय में विमानों को आसानी से जमीन पर उतारा जा सके।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 27 Jan 2018 02:21 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jan 2018 02:22 PM (IST)
इन दो बड़े हाइवे पट्टियों में भारतीय वायुसेना के विमानों की होगी आपात लैंडिंग
इन दो बड़े हाइवे पट्टियों में भारतीय वायुसेना के विमानों की होगी आपात लैंडिंग

तमिलनाडु (जेएनएन)। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भारतीय वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए देश के दो बड़े शहरों के हाइवे पट्टियों की पहचान की है। ये शहर हैं, राजस्थान का जैसलमेर, तमिलनाडु का रामानाथपुरम। बताया जाता है कि, एनएचएआई ने इस योजना के लिए पांच किमी की हाइवे पट्टी के निर्माण के लिए टेंडर बुलवाए हैं, अगले एक साल में ये परियोजना के पूरे हो जाने की उम्मीद है। बता दें कि इससे पहले भारतीय वायुसेना ने 12 एनएच हाइवे मार्गों की पहचान की थी जिसे प्रभावित इलाकों में सहायता अभियान के मद्देनजर आपातकालीन लैंडिग के लिए विकसित किया जा सके। 

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जानकारी के मुताबिक, इन सभी परियोजना की फंडिंग सरकार करेगी जिसकी कुल लागत कम से कम 150 करोड़ की होगी। सूत्रों ने बताया कि चिन्हित किए गए इलाकों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण किया जाएगा ताकि आपात समय में विमानों को आसानी से जमीन पर उतारा जा सके। कॉंट्रैक्टर्स चार सालों के लिए इन सभी हाइवे पट्टियों के मरम्मत के लिए जिम्मेवार होगा, इस बीच अगर इनमें कोई खराबी होती है तो इसके लिए भी वही जिम्मेवार होगा।

इस परियोजना में फुटपाथ का निर्माण, छोटे और बड़े ब्रिज, सड़क चौराहों का निर्माण, नालियों, आदि के निर्माण और इनके रखरखाव चार सालों के लिए होगा। एनएचएआई के टेंडर दस्तावेजों के अनुसार ये बातें सामने आई है।

बताया जाता है कि भारतीय वायुसेना ने इससे पहले 12 एनएच पट्टियों की पहचान की थी। ये इन राज्यों से थे- राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु। योजना के अनुसार, आपातकाल के समय ये हाइवे मार्ग आम लोगों के लिए बंद कर दिए जायेंगे और ये पूरी तरह से विमानों के लैंडिंग के लिए इस्तेमाल में लाए जायेंगे। कूटनीतिक उद्देश्यों के अलावा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

बता दें कि, पहली बार मई 2016 में एक लड़ाकू विमान दिल्ली के यमुना एक्सप्रेसवे पर उतारा गया था। नवंबर 2016 में भी 8 लड़ाकू विमानों को लखनउ-आगरा एक्सप्रेसवे पर उद्घाटन समारोह के दौरान उतारा गया था। पिछले साल अक्टूबर में भी भारतीय वायु सेना के 16 विमान को हाइवे पर लैंडिंग कराई गई थी।

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