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गैरवाजिब है इस्तीफे की मांग: पुलिस आयुक्त

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। गुड़िया से दरिंदगी के हफ्ते भर बाद दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए। बचाव के मुकम्मल तर्को से लैश पुलिस आयुक्त ने आंकड़ों को सामने रखते हुए आक्रामक लहजे में करीब आधा घंटे तक अपनी बातों को रखा। उन्होंने न केवल अपने इस्तीफे की मांग को गैरवाजिब करार दिया बल्कि उल्टे मीडिया से सवाल कर डाला कि अगर उनकी रिपोर्ट गलत होती है तो क्या संपादक को इस्तीफा देना होता है ? जाहिर है कि ऊपर से मिली ताकत के बल पर ही जबरदस्त विरोध के बीच नीरज कुमार इतने आत्मविश्वास के साथ पद पर बने रहने की बात कह रहे थे।

By Edited By: Published: Mon, 22 Apr 2013 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2013 08:16 PM (IST)
गैरवाजिब है इस्तीफे की मांग: पुलिस आयुक्त

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। गुड़िया से दरिंदगी के हफ्ते भर बाद दिल्ली पुलिस के आयुक्त नीरज कुमार सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए। बचाव के मुकम्मल तर्को से लैश पुलिस आयुक्त ने आंकड़ों को सामने रखते हुए आक्रामक लहजे में करीब आधा घंटे तक अपनी बातों को रखा। उन्होंने न केवल अपने इस्तीफे की मांग को गैरवाजिब करार दिया बल्कि उल्टे मीडिया से सवाल कर डाला कि अगर उनकी रिपोर्ट गलत होती है तो क्या संपादक को इस्तीफा देना होता है ? जाहिर है कि ऊपर से मिली ताकत के बल पर ही जबरदस्त विरोध के बीच नीरज कुमार इतने आत्मविश्वास के साथ पद पर बने रहने की बात कह रहे थे।

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पुलिस आयुक्त ने कहा कि यदि उनके इस्तीफे से स्थितियां बदल जाएं और ऐसी बलात्कार की घटनाएं रुक जाएं तो वह एक हजार बार इस्तीफा देने को तैयार हैं। लेकिन यह इस्तीफा देने से दूर होने वाली समस्या नहीं है। समस्या की तह में वास्तव में मानसिक बीमारी, कुत्सित विचार और सोचने का तरीका है। आंकड़ों को सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस तरह की हुई घटनाओं में से 97 फीसद मामलों में पीड़िता के परिजन या नजदीकी लोगों की संलिप्तता सामने आई है। ऐसे में पुलिस अपराध को रोकने के लिए क्या कर सकती है? पिछले चार महीनों में महिला शोषण के अपराधों में असामान्य बढ़ोत्तरी के आंकड़ों की जानकारी देते हुए आयुक्त ने कहा, जितने मामले सामने आए पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और उनमें कार्रवाई की। उन्होंने कार्रवाई का ब्योरा भी मीडिया के सामने प्रस्तुत किया। गुड़िया दुष्कर्म मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को भी उन्होंने दुरुस्त बताया। दावा किया कि किसी भी अन्य सरकारी विभाग की तुलना में पुलिस विभाग जल्द और उचित कार्रवाई करता है। प्रदर्शनकारी लड़की को चांटा मारने वाले एसीपी बीएस अहलावत समेत तीन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का उदाहरण दिया। गुड़िया के पिता को पुलिस द्वारा दो हजार रुपये देकर चुप हो जाने के लिए कहने के मामले में आयुक्त ने कहा कि मामले की जांच चल रही है, रिपोर्ट आते ही कार्रवाई होगी।

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