CJI संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट से हुए सेवानिवृत्त, बोले- रिटायरमेंट के बाद कोई पद नहीं करूंगा स्वीकार
जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि न्यायपालिका में जनता का जो भरोसा है उसे हासिल नहीं किया जा सकता बल्कि इसे अर्जित करना पड़ता है। जस्टिस खन्ना मंगलवार को सेवानिवृत हो गए और बुधवार 14 मई को जस्टिस बीआर गवई भारत के प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ लेंगें। जस्टिस खन्ना का मंगलवार को सीजेआइ के रूप में आखिरी कार्यदिवस था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार को सेवानिवृत हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना सेवानिवृति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि वह सेवानिवृति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करेंगे हालांकि वे अपनी तीसरी पारी शुरू करेंगे और कानून से संबंधित कुछ काम करेंगे।
सीजेआइ संजीव खन्ना मंगलवार को हो गए सेवानिवृत्त
जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि न्यायपालिका में जनता का जो भरोसा है उसे हासिल नहीं किया जा सकता बल्कि इसे अर्जित करना पड़ता है। जस्टिस खन्ना मंगलवार को सेवानिवृत हो गए और बुधवार 14 मई को जस्टिस बीआर गवई भारत के प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ लेंगें। जस्टिस खन्ना का मंगलवार को सीजेआइ के रूप में आखिरी कार्यदिवस था।
कपिल सिब्बल , सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहत रहे मौजूद
अदालती कार्यवाही समाप्त होने के बाद अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सहित बहुत से वरिष्ठ और कनिष्ठ वकीलों ने अदालत में ही जस्टिस खन्ना को सेवानिवृति के बाद सुखद जीवन की शुभकामनाएं देते हुए फैसलों में उनकी निष्पक्षता और न्याय के प्रति दृढ़ता के लिए तारीफ की।
जस्टिस खन्ना ने वकीलों को संबोधित किया
सभी की शुभकामनाएं सुनने के बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि वह अभिभूत हैं और अपने साथ बहुत सारी यादें लेकर जा रहे हैं। ये यादें बहुत अच्छी हैं और हमेशा साथ रहेंगी। सामने मौजूद वकीलों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप एक बार वकील बनते हैं तो आप वकील ही रहते हैं।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि न्यायपालिका में जनता का जो भरोसा है हासिल नहीं किया जा सकता बल्कि इसे अर्जित करना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर एक में सीजेआइ संजीव खन्ना के साथ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय कुमार भी पीठ में बैठे थे।
उन्होंने अपनी एक अलग विरासत छोड़ी है- जस्टिस गवई
इस मौके पर जस्टिस गवई ने भी जस्टिस खन्ना की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी एक अलग विरासत छोड़ी है। न्यायाधीशों की संपत्तियों को वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक करने का निर्णय पारदर्शिता के प्रति उनकी रुचि को दर्शाता।
जस्टिस संजय कुमार ने जस्टिस खन्ना के साथ लंबे समय तक पीठ साझा करने के अनुभवों को बताया और कहा कि जस्टिस खन्ना की याददाश्त बहुत तेज है वे कभी नोट्स नहीं बनाते उन्हें सब याद रहता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कही ये बात
अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि जस्टिस खन्ना के फैसले अपनी स्पष्टता और सरलता के लिए जाने जाते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी उनके फैसलों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके फैसले संक्षिप्त और स्पष्ट होते हैं उन्होंने न्यायिक निर्णय और थीसिस के बीच अंतर किया है।
इस मौके पर जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एचआर खन्ना को भी याद किया गया जिन्होंने आपातकाल से संबंधित एडीएम जबलपुर केस में असहमति का फैसला दिया था।
तुषार मेहता ने बोले- जस्टिस एचआर खन्ना को आज आप पर बहुत गर्व होता
तुषार मेहता ने उन्हें याद करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना से कहा कि जस्टिस एचआर खन्ना को आज आप पर बहुत गर्व होता। कोर्ट से उठने के बाद जस्टिस खन्ना सुप्रीम कोर्ट में पत्रकारों से मिले और अनौपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वह सेवानिवृति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करेंगे हालांकि वे अपनी तीसरी पारी शुरू करेंगे और कानून से संबंधित कुछ काम करेंगे।
न्यायिक सोच निर्णायक और निर्णयात्मक होनी चाहिए- जस्टिस खन्ना
मालूम हो कि ज्यादातर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सेवानिवृति के बाद मध्यस्थता (आर्बीट्रेशन) का काम करते हैं।
जस्टिस यशवंत वर्मा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि न्यायिक सोच निर्णायक और निर्णयात्मक होनी चाहिए। हम सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं को देखते हैं और मुद्दे पर निर्णय लेते हैं, फिर तर्कसंगत ढंग से विभिन्न कारकों को तौलते हैं जो हमें सही निर्णय लेने में मदद करते हैं। फिर भविष्य आपको बताता है कि आपने जो किया वह सही था या नहीं। हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर ज्यादा विस्तार से नहीं बताया।
सीजेआइ संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू की
मालूम हो कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नगदी मिलने के मामले में तीन सदस्यीय आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने के बाद जब जस्टिस वर्मा ने पद से इस्तीफा नहीं दिया तो सीजेआइ संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भेजा और साथ में तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट और उस पर जस्टिस वर्मा का जवाब भी भेजा है।
जस्टिस संजीव खन्ना के ये बड़े फैसले रहे
जस्टिस संजीव खन्ना के अगर कुछ खास फैसलों पर निगाह डाली जाए तो अनुच्छेद 370 हटाने को सही ठहराना, चुनावी बांड योजना को खारिज करना, दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के फैसले शामिल हैं।
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिली नगदी के बाद जारी किया बड़ा आदेश
इसके अलावा जस्टिस खन्ना ने सीजेआइ रहते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नगदी मिलने से संबंधित सामग्री वेबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक की थी।
यह पहली बार हुआ है जबकि किसी न्यायाधीश पर आरोप लगे हों और उससे संबंधित सामग्री वेबसाइट पर डाल कर सार्वजनिक की गई हो। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संपपत्ति का ब्योरा और न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलेजियम की सिफारिशों का ब्योरा भी उन्होंने वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है।

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