काला चश्मा लगाता हूं, लेकिन धृतराष्ट्र नहीं
मुंबई। बेशक, मैं काला चश्मा लगाता हूं, लेकिन मैं धृतराष्ट्र नहीं हूं। अपनी सख्त टिप्पणियों के लिए पहचाने जाने वाले शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने यह तीखी प्रतिक्रिया अपने भतीजे राज ठाकरे पर पलटवार करते हुए दी थी। इस दौरान राज शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] क
मुंबई। बेशक, मैं काला चश्मा लगाता हूं, लेकिन मैं धृतराष्ट्र नहीं हूं। अपनी सख्त टिप्पणियों के लिए पहचाने जाने वाले शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने यह तीखी प्रतिक्रिया अपने भतीजे राज ठाकरे पर पलटवार करते हुए दी थी। इस दौरान राज शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] का गठन कर लिया था।
राज ठाकरे के पार्टी ही नहीं परिवार से भी अलग होने के बाद शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि इस पूरे प्रकरण में आपको धृतराष्ट्र की उपाधि दी गई, तो वह कुछ देर के लिए चुप हो गए थे। इसके बाद ज्यादातर काला चश्मा पहनने वाले बाला साहेब ने कहा, बेशक मैं काला चश्मा लगाता हूं, लेकिन मैं धृतराष्ट्र नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज के अलग होने का उन्हें कोई दुख नहीं है। हालांकि, इसके ठीक एक दिन बाद उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ गए हैं, उन्हें वापसी करनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने कहा, मुझे धक्का लगा और मैं दुखी हूं। मुझे राज से ऐसी उम्मीद नहीं थी। मैं सोच भी नहीं सकता कि राज मेरे सपने में भी ऐसा कर सकता है। जो भी राज ने चाहा, मैं और उद्धव उसके लिए तैयार थे, लेकिन पता नहीं किस गुरू ने उसे ऐसा करने की सलाह दी और उसके दिमाग में जहर घोला है। उन्होंने यहां तक कहा था कि राज ही शिवसेना को चला रहे थे।
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