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Corona Warriors: मैंने सभी से कह दिया है कि कोरोना से जंग जीतकर ही घर लौटूंगा...

Corona Warriors सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात वाहन चालक ने गाड़ी को ही बनाया आशियाना संदिग्धों की जांच कर रहे डॉक्टरों के साथ है ड्यूटी पूरी टीम का रखते हैं खयाल।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 02:37 PM (IST)
Corona Warriors: मैंने सभी से कह दिया है कि कोरोना से जंग जीतकर ही घर लौटूंगा...
Corona Warriors: मैंने सभी से कह दिया है कि कोरोना से जंग जीतकर ही घर लौटूंगा...

शोभित कुमार, संभल। Corona Warriors: संभल, उप्र के इस कोरोना योद्धा की कहानी, इन जैसे उन लाखों कर्मवीरों के त्याग और समर्पण को सामने लाती है, जो इस जंग में दिन-रात डटे हुए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात इस वाहन चालक ने गाड़ी को ही अपना आशियाना बना लिया है। 24 घंटे सेवा में तत्पर रहता है। अपने परिवार से भी दूरी बना ली है। रात को गाड़ी में सोता है। तय कर लिया है कि जंग को जीत कर ही घर लौटेगा। जिले में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मी जहां संक्रमण को रोकने के लिए पूरे मनोयोग से जुटे हुए हैं, वहीं इस तरह के विभिन्न दायित्वों को निभाने वाले अनेक कर्मवीरों की भी पूरी फौज इनका हरसंभव साथ दे रही है।

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बाबू भारती 23 मार्च से लगातार कर रहे काम : नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. नीरज शर्मा की टीम को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का जिम्मा है विभाग के वाहन चालक बाबू भारती का। बाबू भारती 23 मार्च से लगातार काम कर रहे हैं। इस दौरान वह अपने घर भी नहीं गए हैं। बाबू की मानें तो वह रात को गाड़ी में ही सोते हैं और यदि दोपहर में समय मिलता है तो सीट पर लेटकर आराम कर लेते हैं। सुबह उठने के बाद आसपास क्षेत्र में चल रहे किसी ट्यूबवेल पर नहा कर कपड़े बदल लेते है और पुराने कपड़ों को धोकर सुखा लेते हैं। दो-तीन जोड़ी कपड़े उन्होंने गाड़ी में ही रखे हुए हैं। इन्हीं से काम चल रहा है। नाश्ता-खाना भी विभाग में उपलब्ध हो रहा है।

परिवार से दूरी बनाए हुए हूं ताकि उन्हें संक्रमण के खतरे से दूर रख सकूं : बाबू भाई ने कहा, संकट का समय है। ऐसे में मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं ताकि मेरे कारण विभाग के काम में कहीं कोई बाधा न आने पाए। हां, अपने परिवार से दूरी बनाए हुए हूं ताकि उन्हें संक्रमण के खतरे से दूर रख सकूं। स्वजनों की याद आने पर फोन पर बात कर लेता हूं। गांव मंडी किशनदास सराय के रहने वाले बाबू भारती के परिवार में पत्नी बिलकिस, दो बेटियां चांदनी व आशिया और एक बेटा इस्लाम हैं। बाबू ने बताया, मैंने सभी से कह दिया है कि कोरोना से जंग जीतकर ही घर लौटूंगा...।

सभी मानते हैं कहना : बाबू भारती इस काम को लेकर कितने संजीदा हैं यह तब पता चलता है जब वह अपनी टीम के हर सदस्य का एक मुखिया की तरह ध्यान रखते हैं। संदिग्धों की जांच कर टीम के सदस्य जब वापस गाड़ी तक पहुंचते हैं तो गाड़ी में बैठने से पहले बाबू भाई सभी सदस्यों के हाथों को सैनिटाइज करवाते हैं। इतना ही नहीं प्रतिदिन स्वयं कार को बाहर व अंदर से सैनिटाइज करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना न रहे। ऐसे में पूरी टीम भी उनकी इज्जत कर हर बात मानती है।


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