हाल में भारत को चीन से चुनौतियों का सामना करना पड़ा है: एस. जयशंकर
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा कि वह ये बात मानते हैं कि हाल में चीन से भारत को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
नई दिल्ली। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा कि हम इस बात को मानते हैं कि हमें हाल में अपने पड़ोसी चीन से चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी समझ से एक जानेमाने आतंकवादी पर संयुक्त राष्ट्र समिति की ओर से प्रतिबंध का होना या ना होना यह कोई छोटा मसला नहीं है।
हालांकि, जयशंकर ने आगे कहा कि हाल में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के भारत दौरे ने भारत को दोबारा यह अवसर दिया है कि वे फिर से उन मुद्दों को एक बार देखे। जयशंकर का इशारा एनएसजी पर भारत की दावेदारी और आतंकदवादी मसूद अजहर को लेकर था जिस पर चीन की ना से भारत को तगड़ा झटका लगा था।
भारत-पाक संबंध के केन्द्र में आतंकवाद
एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की कूटनीति हकीकत और विकास पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बड़ा देश होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हमें ज्यादा लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। हमें अपने पड़ोसियों तक पहुंचना होगा। हमें अपने पड़ोसियों को सुरक्षित महसूस करना पड़ेगा।
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जयशंकर ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या है आतंकवाद जो दोनों देशों के संबंध के केन्द्र में आ चुका है। जिसके चलते दोनों देशों का आपसी संबंध बेहतर होना कठिन हो रहा है। उन्होने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान पाकिस्तान से बेहतर संबंध बनाने के लिए भारत की तरफ से कई कदम उठाए गए। विदेश सचिव ने कहा कि हम इस बात से सहमत है कि हमें आगे बढ़ना चाहिए लेकिन हमेशा यह एक समान नहीं चलता है।
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