Coronavirus: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षा कवच बनेगा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन
आइसीएमआर के डाक्टर रमन गंगाखेड़कर के अनुसार आम लोगों को खुद ही कोरोना से बचने के लिए इस दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय और आइसीएमआर ने भले ही आम लोगों के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन के खाने पर पाबंदी लगा दी हो, और इसकी खुली बिक्री तक प्रतिबंधित कर दिया हो, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाना तय है।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के 10.70 करोड़ टैबलेट का दिया आर्डर
कोरोना के मरीजों के इलाज और देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को हाइड्रोक्सी क्लोरीक्वीन की खुराक दी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10.70 करोड़ टैबलेट खरीदने का फैसला किया है और कंपनियों को आर्डर दिया जा चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के 10.70 करोड़ टैबलेट खरीदने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इसके पहले भी 75 लाख हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्वीन दवा खरीदी गई थी। इस तरह से स्वास्थ्य मंत्रालय के पास लगभग 11.45 करोड़ टैबलेट हो जाएंगी, जिसे जरूरत के मुताबिक राज्यों को आवंटित किया जाएगा।
कोरोना मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा दिये जाने की अनुशंसा
दरअसल आइसीएमआर ने कोरोना मरीजों के इलाज और उनकी देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को हाइड्रोक्सी क्लोक्वीन दवा दिये जाने की अनुशंसा की है। इसके लिए उसने एक विस्तृत गाइडलाइंस भी जारी किया है। गाइडलाइंस के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों को यह दवा पहले सप्ताह पहले दिन 400 एमजी दो बार इसके बाद अगले सात हफ्ते तक हर हफ्ते में एक बार 400 एमजी लेनी है। जबकि घर पर मरीजों की सेवा में लगे परिजन को पहले सप्ताह पहले दिन 400 एमजी दो बार और इसके बाद अगले तीन सप्ताह तक सप्ताह में सिर्फ एक दिन लेनी है।
कोरोना वायरस को शरीर के भीतर फैलने से रोकने में क्लोरोक्वीन प्रभावकारी
दरअसल प्रयोगशालाओं में हुए अनुसंधान के आधार पर पूरी दुनिया में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस को शरीर के भीतर फैलने से रोकने में प्रभावकारी माना जा रहा है।
आम लोगों को खुद ही कोरोना से बचने के लिए क्लोरोक्वीन नहीं लेनी चाहिए- आइसीएमआर
आइसीएमआर के डाक्टर रमन गंगाखेड़कर के अनुसार आम लोगों को खुद ही कोरोना से बचने के लिए इस दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य पर पूरी निगरानी रखी जाती है, इसीलिए इस दवा के दुष्प्रभाव को आसानी से ठीक किया जा सकता है। वहीं कई मामलों में आम लोगों के लिए यह घातक साबित हो सकता है। आइसीएमआर के अनुसार 15 वर्ष से कम उम्र के लोग को यह दवा नहीं दी जा सकती।