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हैदराबाद दोहरे धमाके के मामले में दो आतंकियों को सजा-ए-मौत, एक को उम्रकैद

25 अगस्त, 2007 को हैदराबाद की गोकुल चाट और एक ओपन एयर थिएटर में अलग-अलग धमाके हुए थे, जिसमें 44 लोगों की मौत हो गई थी और 68 अन्य घायल हो गए थे।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 07:32 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 12:18 AM (IST)
हैदराबाद दोहरे धमाके के मामले में दो आतंकियों को सजा-ए-मौत, एक को उम्रकैद
हैदराबाद दोहरे धमाके के मामले में दो आतंकियों को सजा-ए-मौत, एक को उम्रकैद

हैदराबाद, प्रेट्र। वर्ष 2007 के हैदराबाद दोहरे बम धमाके के मामले में यहां की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने सोमवार को दो दोषी आतंकियों को मौत की सजा और तीसरे को उम्र कैद की सजा सुनाई। 25 अगस्त, 2007 को खाने-पीने की लोकप्रिय दुकान गोकुल चाट और एक ओपन एयर थिएटर में अलग-अलग धमाके हुए थे, जिसमें 44 लोगों की मौत हो गई थी और 68 अन्य घायल हो गए थे।

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चार सितंबर को द्वितीय अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश (प्रभारी) टी. श्रीनिवास राव ने 11 साल पुराने इस मामले में आतंकी अनीक शफीक सईद और मोहम्मद अकबर इस्माइल चौधरी को दोषी ठहराया था, लेकिन सुबूतों के अभाव में फारूक शरफुद्दीन तरकश और मोहम्मद सादिक इसरार अहमद शेख को बरी कर दिया था। कोर्ट ने पांचवें आरोपित तारिक अंजुम को सोमवार को दोषी ठहराया और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। उस पर नई दिल्ली और अन्य जगहों पर साजिशकर्ताओं को आश्रय देने का जुर्म साबित हुआ।

मालूम हो कि गोकुल चाट की दुकान पर हुए धमाके में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 47 अन्य घायल हो गए थे। राज्य सचिवालय के नजदीक लुंबिनी पार्क में ओपन एयर थिएटर में हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 21 अन्य घायल हुए थे। पुलिस द्वारा दायर आरोप-पत्र में तीन अन्य आरोपित इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक रियाज भटकल, उसका भाई इकबाल और अमीर रजा खान फरार हैं। माना जाता है कि भटकल बंधुओं ने पाकिस्तान में शरण ले रखी है।

पीड़ि‍तों ने की तुंरत फांसी देने की मांग
गोकुल चाट की दुकान पर हुए विस्फोट में अपनी एक आंख गंवाने वाले सईद रहीम ने कहा, 'उन्हें तुरंत फांसी पर चढ़ा दिया जाना चाहिए। यहां तक कि ऊपरी अदालतों और राष्ट्रपति को भी उनकी दया याचिका पर विचार नहीं करना चाहिए।' महाराष्ट्र में अहमदनगर के अमृतवाहिनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रधानाचार्य एमए वेंकटेश ने कहा, 'न्याय हुआ है, लेकिन देरी से हुआ है।' उनके कॉलेज के 50 छात्र शैक्षणिक दौरे पर हैदराबाद गए थे और लुंबिनी पार्क में हुए विस्फोट में उनमें से सात की मौत हो गई थी। विस्फोटों में अपनी बेटी और दो अन्य रिश्तेदारों को खोने वाले बी. अंजेय ने कहा कि पुलिस को दो फरार आरोपितों को भी गिरफ्तार करना चाहिए।

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बैग में आइइडी लेकर पहुंचा था हमलावर 
25 अगस्त 2007 यानी 11 साल पहले हैदराबाद में दो अलग-अलग जगहों पर बम ब्लास्ट हुए। इन धमाकों के बाद हैदराबाद समेत पूरे भारत में हड़कंप मच गया। इनमें से एक बम धमाका गोकुल चाट में हुआ जबकि दूसरा लुंबिनी पार्क में हुआ था। बम विस्फोट में 42 लोगों की मौत हो गई थी और 50 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

गौरतलब है कि लुंबिनी पार्क में एक शख्स अपने साथ लिए हुए बैग में आइइडी लेकर पहुंचा था। चश्मदीदों के मुताबिक, बम फटने के बाद आसपास लाशों के ढेर लग गए थे। मरनेवालों में से ज्यादातर छात्र थे, जो कि महाराष्ट्र के रहने वाले थे। लुंबिनी पार्क में बम धमाका शाम 7 बजकर 30 मिनट पर हुआ था। इस मामले में पहली गिरफ्तारी जनवरी 2009 को हुई।


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