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सीबीआइ के नए निदेशक के लिए दावेदारों की दौड़ शुरू, इन नामों पर चल रहा विचार

वर्तमान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला का कार्यकाल 2 फरवरी को समाप्त हो रहा है। सीबीआइ के नए निदेशक पद की दौड़ में कई शीर्ष अधिकारियों के नाम शामिल हैं। इन नामों पर फिलहाल विचार किया जा रहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 10:04 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 10:04 AM (IST)
सीबीआइ के नए निदेशक के लिए दावेदारों की दौड़ शुरू, इन नामों पर चल रहा विचार
सीबीआइ के मौजूदा निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आइएएनएस। सीबीआइ के मौजूदा निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला का कार्यकाल 2 फरवरी को समाप्त होने जा रहा है। इसलिए नए दावेदारों की दौड़ शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक 1984, 1985 तथा 1986 के कई अधिकारी दावेदार बताए जा रहे हैं। इनमें एनआइए के प्रमुख वाइसी मोदी, आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार तथा सीबीआइ के मौजूदा अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा के नाम लिए जा रहे हैं।

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इनके अलावा सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी माहेश्वरी तथा आइटीबीपी के प्रमुख एसएस देसवाल भी रेस में बताए जा रहे हैं। यह भी संभावना है कि 1983 बैच के मौजूदा सीबीआइ निदेशक का कार्यकाल छह महीना बढ़ाया जा सकता सकता है। सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ के डीजी तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे राकेश अस्थाना,1986 बैच के उत्तराखंड कैडर के अधिकारी तथा बीसीएएस के महानिदेशक एमए गणपति भी दौड़ में शामिल हैं।

सभी सांसदों को एक-दूसरे के संप्रभु जनादेश का सम्मान करना चाहिए : बिरला

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि सभी संसदों को दूसरी संसदों के संप्रभु जनादेश का सम्मान करना चाहिए। बिरला का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि मंगलवार को ब्रिटेन की संसद में 'भारत : अल्पसंख्यक समूहों का उत्पीड़न' विषय पर बहस हुई है। संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में हुई बहस के दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत की धार्मिक विविधता और बहुसंख्यक हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे की समृद्ध परंपरा की सराहना की। ब्रिटिश संसद में बुधवार को जम्मू-कश्मीर के हालात पर भी चर्चा होनी थी।

लोकसभा स्पीकर बिरला ने यूरोपीय संसद के अध्यक्ष के साथ वर्चुअल चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की। दोनों के बीच कोरोना महामारी और जलवायु परिवर्तन के चलते पैदा हुई चुनौतियों के मसल पर चर्चा हुई। बिरला ने कोरोना के चलते यूरोपीय संघ में लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया और इस समस्या के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुट प्रयास की जरूरत पर बल दिया। 


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