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भारत-अमेरिका 'कॉमकासा' एग्रीमेंट, अब हर चीनी पनडुब्बी पर होगी भारत की नजर

भारत भी अब उन देशों की सूची में जुड़ गया है, जिन्‍हें सेंट्रिक्‍स के जरिए अमेरिका सूचना साझा करता है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 04:18 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 04:53 PM (IST)
भारत-अमेरिका 'कॉमकासा' एग्रीमेंट, अब हर चीनी पनडुब्बी पर होगी भारत की नजर
भारत-अमेरिका 'कॉमकासा' एग्रीमेंट, अब हर चीनी पनडुब्बी पर होगी भारत की नजर

नई दिल्‍ली, जेएनएन। हिंदुस्‍तान की ओर बढ़ने वाली हर पनडुब्‍बी पर अब भारतीय सेना की नजर होगी। अगर भारत की तरफ चीन की कोई युद्धपोत या पनडुब्‍बी बढ़ती है, तो उसकी पल-पाल की खबर भारत तक पहुंचेगी। इतना ही नहीं भारतीय नौसेना को चीनी जहाजों की सटीक गति और लाइव वीडियो भी मिलेगा। ये सभी जानकारी भारत को अमेरिका द्वारा प्रदान की जाएगी और ये संभव हो पाया है 'कॉमकासा समझौते' के जरिए, जिस पर दोनों देशों ने नई दिल्‍ली में 2+2 वार्ता के दौरान हस्‍ताक्षर किए हैं।

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भारत और अमेरिका के बीच हुई 2+2 वार्ता में कॉमकासा समझौते (कम्युनिकेशन कम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट) पर हस्‍ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के बाद अब दोनों देश सुरक्षित सैन्य संवाद स्थापित कर सकेंगे। साथ ही इससे भारत को अमेरिका से उच्चतकनीक वाले संचार उपकरणों की आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी। काफी संवेदनशील सैन्य उपकरण भी भारत आ सकेंगे। इससे भारत की सैन्‍य शक्ति में इजाफा होगा। भारत इन उच्‍चस्‍तरीय तकनीक के दम पर अपनी ओर बढ़ने वाले दुश्‍मन पर कड़ी निगाह रख सकेगा।

अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिस व विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो तथा भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के बीच 2+2 वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि भारत और अमेरिका के बीच अहम सैन्य समझौते कॉमकासा पर दस्तखत किए गए, जिसके ज़रिये भारत को महत्वपूर्ण अमेरिकी रक्षा तकनीक हासिल करने में मदद मिलेगी।

भारत अब सेंट्रिक्‍स का हिस्‍सा

अमेरिकी सरकार का एक सूचना तंत्र है, कम्बाइंड इंटरप्राइजेज रीजनल इनर्फोमेशन एक्‍सचेंज सिस्‍टम (सेंट्रिक्‍स)। यह ऐसा सूचना तंत्र है, जिसके जरिए अमेरिका अपने सहयोगी देशों के बीच सैन्‍य सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। भारत भी अब उन देशों की सूची में जुड़ गया है, जिन्‍हें सेंट्रिक्‍स के जरिए अमेरिका सूचना साझा करता है। अमेरिका सूचना तंत्र इतना सक्षम है कि हर मिसाइल और पनडुब्‍बी की हरकत को मिनटों में ट्रैक कर लेता है। इसलिए भारत की ओर बढ़ने वाले हर खतरे पर अमेरिकी खुफिया तंत्र की निगाह होगी। बताया जा रहा है कि समझौते के तहत भारत भी अमेरिकी खुफिया तंत्र का इस्‍तेमाल कर सकेगा।


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