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उम्र बढ़ने के साथ ऐसे दुरुस्‍त रख सकते हैं हड्डियां, ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए भी कारगर

उम्र बढ़ने के साथ साथ लोगों की हड्डी कमजोर होने लगती है। कई बार ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति भी पैदा होने लगती है। ऐसे में हड्डियों को दुरुस्‍त रखने के लिए इन उपायों को आजमा सकते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 08:52 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 08:57 AM (IST)
उम्र बढ़ने के साथ ऐसे दुरुस्‍त रख सकते हैं हड्डियां, ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए भी कारगर
उम्र बढ़ने के साथ ऐसे दुरुस्‍त रख सकते हैं हड्डियां, ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए भी कारगर

नई दिल्ली, आइएएनएस। हमारे शरीर में कंकाल तंत्र की भूमिका बेहद अहम होती है। हड्डियां हमारे शरीर को संरचना प्रदान करती हैं और हमारे कुछ अंगों को सुरक्षा भी करती हैं। ये कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों का भंडारण करने के साथ-साथ मांसपेशियों को गति भी प्रदान करने में भी सहायक होती है। बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक इनमें कई तरह के बदलाव आते हैं। 30 साल की उम्र तक हड्डियों का द्रव्यमान और घनत्व बढ़ जाता है। इसके बाद इसका द्रव्यमान धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिससे कई बार ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति भी पैदा होने लगती है।

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उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसका विकास भी तेजी से होने लगता है। ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी में हड्डियां कमजोर और जल्दी टूटने लगती है। ऐसे में यदि किसी हड्डी टूट जाए तो इन्हें जोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में हड्डियों के आसानी से टूट जाने की प्रवृत्ति होती है। दो में से एक महिला और चार में से एक पुरुष में हड्डी महज इस वजह से टूट जाती है क्योंकि वे ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार होते हैं। इसलिए इनकी सही देखभाल बहुत जरूरी है।

इसके अलावा ऐसे कई कारक हैं, जिसके चलते समय से पहले ही लोग इस रोग का शिकार हो जाते हैं। सामान्यत: यह बीमारी आहार में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी, शारीरिक गतिविधियों में कमी, नशे का सेवन, हार्मोन का अनियमित स्तर,वजन गिरने और कुछ दवाइयों का सेवन से होती है। फरीदाबाद में फॉर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में हड्डी विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. हरीश घूटा ने जीनवशैली से संबंधित कुछ बातें साझा की हैं, जो हमें हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हमारी मदद कर सकती हैं।

अपने भोजन में कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य और पेय पदार्थों को शामिल करना एक अच्छा कदम है। इसलिए कम वसायुक्त दूध के उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सेमन मछली, बादाम इत्यादि को अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। ऑस्टियोपोरोसिस के खतरों के बचने के लिए शरीर को सप्ताह में कम से कम दो से तीन बार पंद्रह मिनट की धूप जरूरी होती है, क्योंकि सूर्य की किरणों विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत होती हैं। इसके अलावा टूना मछली और झींगे में भी विटामिन डी प्रचुर मात्र में पाया जाता है।

व्यायाम लगभग हर समस्या का समाधान होता है। इसलिए नियमित तौर पर कम से कम आधा घंटे व्यायाम जरूर करना चाहिए। इससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों के घनत्व की जांच नियमित तौर पर करानी चाहिए। जांच में यदि कोई परेशानी दिखाई देती है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। यदि हड्डियों का मजबूत बनाना है तो तम्बाकू और मदिरा का सेवन छोड़ देना चाहिए। 


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