लॉकडाउन में भी मजबूत रहें हड्डियां, रखना होगा इन बातों का ध्यान; जानें एक्सपर्ट की राय
डॉ. राजेश मल्होत्रा ने बताया कि हड्डियां शरीर का आधार होती हैं और इनमें मजबूती आती है विटामिन-डी युक्त पोषण व नियमित व्यायाम से। नहीं तो हो सकती है जोड़ों की तकलीफ...
नई दिल्ली। इन दिनों लोग लंबे समय से लॉकडाउन के चलते घर में हैं। बाहर न निकलने के चलते पर्याप्त धूप नहीं मिल पाने से विटामिन डी की कमी भी हो रही है। इससे हड्डियों में कमजोरी, ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों में दर्द, अचानक से गिरने की समस्या व गिरने के कारण फ्रैक्चर की समस्या हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि घर में भी शरीर को सक्रिय बनाए रखें। कई ऐसे व्यायाम हैं, जिन्हें घर में आजमाकर हड्डियों की सक्रियता को बरकरार रखा जा सकता है। इनमें से अगर सूर्य नमस्कार को जीवन का हिस्सा बना लें तो जोड़ों में होने वाली कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है। जानें क्या कहते है नई दिल्ली के AIIMS के अस्थिरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश मल्होत्रा।
कमजोर न हो जाएं मांसपेशियां: दरअसल, लॉकडाउन से लोगों की सक्रियता बंद हो गई है। लोग जिम और वॉक से दूर हो गए हैं। शारीरिक दूरी के पालन व भीड़ से बचने के लिए पार्कों में जाना बंद हो गया है। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं। यदि व्यायाम करना या जिम जाना अचानक छोड़ दें तो मांसपेशियां तेजी से कमजोर पड़ने लगती हैं।
जरूरी है फ्लूड का निर्माण: मांसपेशियों की मजबूती बरकरार रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। शरीर के सभी जोड़ों को लगातार मूवमेंट की जरूरत होती है। इसी मूवमेंट से फ्लूड का निर्माण होता है, जो कार्टिलेज के लिए पोषक तत्व का काम करता है। मूवमेंट नहीं होने पर कार्टिलेज खराब होने लग जाती है, जिससे जोड़ भी खराब हो सकते हैं। अहम बात यह है कि घर के बाहर कम निकलने के बावजूद इस तरह सक्रिय रहें कि शरीर के विभिन्न अंगों का मूवमेंट हो सके।
खानपान के साथ काम भी जरूरी: घर में बंद रहने के कारण विटामिन डी की कमी होने की पूरी संभावना है। चलना-फिरना बंद होने के कारण कमर के नीचे के जोड़ों में परेशानी शुरू हो सकती है। लंबे समय तक हम बैठते हैं तो कमर में दर्द शुरू हो जाता है। लोग इन दिनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। यदि अधिक देर तक कंप्यू्टर व लैपटॉप पर काम करते हैं या अधिक देर तक टीवी देखते हैं तो गर्दन व मांसपेशियों का दर्द शुरू हो सकता है। अधिक देर तक यदि पालथी मारकर बैठते हैं तो घुटनों में दर्द शुरू हो सकता है। यह अक्सर होता है कि जब हम घर पर होते हैं तो ज्यादा भोजन करते हैं। इन दिनों पूरी फैमिली एक साथ है तो जाहिर है कि फरमाइशें और नई डिशेज का बनना बढ़ ही जाएगा। इस चक्कर में यदि लॉकडाउन में दो किलोग्रा म भी वजन बढ़ा लिया तो घुटनों व शरीर के अन्य जोड़ों की समस्या का बढ़ना तय है।
जरूरी है विटामिन डी: आजकल महिलाओं व बुजुर्गों का अधिकतर समय घर में ही बीत रहा है इसलिए खानपान में विटामिन डी वाले आहार या सप्लीमेंट को जरूर शामिल करें। इसके अलावा कैल्शियम प्रचुर मात्रा में लें। यह हड्डियों के लिए बहुत आवश्यक है। इसके लिए पनीर, दूध, हरी सब्जियों को भोजन में शामिल करें और लतों से दूरी बनाकर रखें।
कुर्सी पर बैठकर घुटने का व्यायाम: कुर्सी पर बैठकर घुटने को सीधा ऊपर करें और फिर फोल्ड करें। यह प्रक्रिया कई बार करें। यदि घर में आधा या एक किलो का कोई वजन वाला सामान है तो उसमें बांध लें। अगर कुछ नहीं मिल रहा है तो थैली में रेत भरकर भी वजन बना सकते हैं। उसे बांधकर घुटने उठाएं। इसी तरह का वजन एड़ी तो कभी बाजू पर बांधकर घर के अंदर या छत के ऊपर कुछ समय तक चल सकते हैं। इस तरह के कई व्यायाम किए जा सकते हैं। घर में चाय व खाना बनाते समय भी पैर व हाथ की हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है। यदि माइक्रोवेव में कोई चीज तीन मिनट गर्म करने के लिए रखी है तो इस दौरान गर्दन या हाथ के जोड़ों का कोई व्यायाम कर सकते हैं। ऐसी शारीरिक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। घर में भी अधिक से अधिक चलने की कोशिश करें। स्मार्टवॉच या मोबाइल के माध्यम से यह भी पता करें कि आप कितने कदम चले।
सूर्य नमस्कार सबसे फायदेमंद: सुबह स्वच्छ हवा में छत के ऊपर भी डंबल, ईंट या कोई वजन उठाकर जोड़ों से संबंधित व्यायाम किया जा सकता है। सबसे अच्छा है कि सूर्य नमस्कार करें। यह सबसे अधिक फायदेमंद है। इससे शरीर के सभी जोड़ ठीक रहते हैं। पहले कभी सूर्य नमस्कार नहीं किया तो कोई चिंता की बात नहीं। स्मार्टफोन पर इंटरनेट के माध्यम से कई ऐसे वीडियो मिल जाएंगे, जिससे आप इसे आसानी से सीख सकते हैं।
जिम की ऑनलाइन क्लास: इन दिनों जिम की क्लासेज भी ऑनलाइन चल रही हैं। ऑनलाइन क्लासेज लेने के बाद शाम को खुद घर में व्यायाम कर सकते हैं। टीवी के सामने अधिक समय व्यतीत न करें। अधिक देर तक टीवी देखना सेहत व आंखों के लिए अच्छा नहीं है। दरअसल टीवी देखते समय शरीर का पोस्चर ठीक नहीं होता। इससे गर्दन दर्द, कमर दर्द व सिर दर्द होने की संभावना रहती है। अगर शरीर के किसी भी हिस्से के जोड़ को एक ही पोजिशन में रखेंगे और बाद में जब उसे हिलाएंगे तो वह दर्द करेगा।
हड्डियों के चार दुश्मन: शरीर के जोड़ लगातार मूवमेंट के लिए बने हैं इसलिए ऑथोपैडिक में कहा जाता है कि मूव इट ऑर लूज इट। यदि मूवमेंट नहीं करेंगे तो आप इन्हें खो देंगे। इसलिए जरूरी है कि शरीर के जोड़ों को चलाते रहें। मूवमेंट कम होने से, विटामिन डी की कमी, वजन बढ़ने व ठीक से बैठकर टीवी न देखने के कारण हड्डियों की कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। ये चार बातें लॉकडाउन में हड्डियों व मांसपेशियों की दुश्मन हैं, इसलिए इनको लेकर अत्यधिक सतर्क रहें।
बच्चे कूदें रस्सी: बच्चे बाहर नहीं खेल पा रहे हैं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी कोरोना का संक्रमण एकदम से समाप्त नहीं होने वाला, इसलिए बच्चों का बाहर खेलना अभी कुछ समय तक खतरे से खाली नहीं है। ऐसी स्थिति में बच्चे टीवी और वीडियो गेम में व्यस्त होंगे। इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। उन्हें इससे बचाएं। क्योंकि बचपन से ही हड्डियों का विकास हो रहा होता है इसलिए आउटडोर खेल बंद होने से बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होना लाजमी है। ऐसे में माता-पिता सुबह जगने के बाद सबसे पहले बच्चों को अपने साथ लेकर घर के अंदर या छत के ऊपर पैदल चलाएं। बच्चों के लिए रस्सी कूदना अच्छा व्यायाम है। इसके अलावा दंड- बैठक बहुत अच्छी एक्सरसाइज है। संभव हो तो घर में कही रॉड लगवा सकते हैं, जिसे बच्चे पकड़कर लटक सकते हैं, यह अच्छा व्यायाम होगा और उनकी लंबाई भी बढे़गी।
बुजुर्ग घर पर करें व्यायाम: इस माहौल में सबसे बड़ी परेशानी बुजुर्गों को है। वे बाहर नहीं निकल रहे। ऐसे में उन्हें घर पर ही चलने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें सबसे अधिक छाती की मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। एक इंसेंटिव स्पाइरोमिट्री मशीन आती है, उसमें तीन छोटे बॉल होते हैं। सांस खींचने पर तीनों बॉल ऊपर उठते हैं। यह व्यायाम बार-बार करने से छाती की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और कई तरह के संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
अधिक पैदल चलना भी घातक: इन दिनों खबरें आ रही हैं कि लोग सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर या साइकिल चलाकर अपने गांव व शहर गए हैं। उन्हें क्षमता से अधिक मेहनत करनी पड़ी है। इससे उनको ओवर यूज इंजरी हो सकती है। इससे मांसपेशियों में परेशानी होने लगती है, लिगामेंट व जोड़ों में दर्द हो सकता है और अधिक सूजन की समस्या हो सकती है।
घर में भी संभव है देखभाल: घर में रहकर भी हड्डियों की देखभाल संभव है। इसके लिए सुबह-शाम कम से कम दो बार का समय निश्चित करें। सबसे पहले ज्वॉइंट के लिए स्ट्रेंचिंग करें। खड़े होकर दोनों हाथ कमर पर रख लें और गर्दन को पीछे की तरफ लेकर जाएं, गर्दन को चारों तरफ घुमाएं। इसके बाद कंधों के जोड़ के व्यायाम के लिए इन्हें ऊपर की तरफ उठाते हुए घुमाएं। रीढ़ की हड्डियों के व्यायाम के लिए दोनों पैरों को करीब एक फुट की दूरी पर रखकर दोनों हाथ कमर पर रखें और फिर शरीर को घुमाएं। इसके बाद शरीर को पीछे की तरफ लेकर जाएं और फिर सीधा होने के बाद दूसरी तरफ लेकर जाएं। फिर शरीर को दोनों तरफ (दाहिने-बाएं) बारी-बारी से झुकाते हुए व्यायाम करें। इसके अलावा पैरों को सीधा रखते हुए आगे की तरफ झुककर हाथ से जमीन को छूने की कोशिश करें। फिर पीछे की तरफ झुकते हुए यही प्रक्रिया दोहराएं।