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जानलेवा हो सकता है 'तनाव', हो जाएं सावधान; तनावमुक्‍त रहने के लिए अपनाएं ये टिप्‍स

लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाकर और उचित उपचार से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। जानते हैं वर्क स्ट्रेस के कारण और उसके निवारण के उपाय।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 12:07 PM (IST)
जानलेवा हो सकता है 'तनाव', हो जाएं सावधान; तनावमुक्‍त रहने के लिए अपनाएं ये टिप्‍स
जानलेवा हो सकता है 'तनाव', हो जाएं सावधान; तनावमुक्‍त रहने के लिए अपनाएं ये टिप्‍स

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। ऑफिस में देर तक बैठकर काम करना भले ही आपको अच्‍छा लगता हो, लेकिन यह आदत आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है? यदि आप अपने काम से बोर हो रहे हैं? पहले की तरह खुद को अपने काम से जोड़कर नहीं देख पा रहे हैं? जिस जुनून के साथ आप पहले काम करते थे, अब वह आपमें झुंझलाहट का कारण बनता जा रहा है? तो इसका अर्थ है कि आप जॉब स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं।

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स्ट्रेस या तनाव कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज ना हो सके लेकिन ज़रूरत है समय रहते इसे पहचानने की और इससे बचाव के उपाय ढूंढने की। लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाकर और उचित उपचार से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। जानते हैं वर्क स्ट्रेस के कारण और उसके निवारण के उपाय।

क्या है स्ट्रेस
स्ट्रेस कोई रातोंरात होने वाली समस्या नहीं है। यह ऐसी स्थिति है जिस तक व्यक्ति धीरे-धीरे पहुंचता है। यह नकारात्मक सोच का परिणाम होने के साथ ही अति जिम्मेदारियों को अपने ऊपर लेने से भी होता है। जरा सी बात पर बेवजह ज्यादा तनाव लेना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है।

स्ट्रेस के प्रमुख कारण
दिनचर्या के हिसाब से ही सबकी स्ट्रेस की वजहें भी अलग होती हैं। कोई घर की समस्याओं से तनावग्रस्त रहता है तो कोई ऑफिस की... उन समस्याओं से निबटने के सबके तरीके भी अलग होते हैं। समय पर उनका निवारण न कर पाने से तनाव अवसाद बन जाता है। ये हैं प्रमुख कारण :

  • ओवरटाइम करने की लत
  • खानपान की गलत आदतें
  • घर में कोई सहारा न होना
  • सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने का दबाव
  • खुद के लिए समय न निकाल पाना
  • अपने अनुरूप या सही से समय पर काम न हो पाना
  • घर, ऑफिस या बिजनेस में कोई तनावपूर्ण स्थिति का होना

स्ट्रेस के लक्षण

  • चिडचिडापन होना
  • सिर में दर्द रहना
  • कमजोरी महसूस होना
  • एकाग्रता में कमी आना
  • अकेलापन अच्छा लगना
  • पेट से जुडी समस्याएं होना
  • एल्कोहॉल या ड्रग्स की लत लगना
  • नींद न आना या सोते से जग जाना

ऐसे रखें स्ट्रेस को दूर
सभी का स्ट्रेस से डील करने का अपना खास तरीका होता है। कोई कुछ समय बाद खुद ही ठीक होजाता है, तो कोई काउंसलर की मदद से... किसी के पास परिवार का सहारा होता है, तो किसी के पास दोस्तों का...। कोशिश की जानी चाहिए कि घर या ऑफिस का स्ट्रेस गहरे अवसाद की जड न बन जाए। अपनी दिनचर्या में जरा सा बदलाव करके आप स्ट्रेस को हमेशा अपनी जिंदगी से दूर रख सकती हैं।

वास्तविकता समझें
आपको यह समझना चाहिए कि ऑफिस का काम आपकी जिंदगी का जरा सा हिस्सा मात्र है। अपनी पूरी एनर्जी को उसमें ही डाल देने का नकारात्मक प्रभाव आपके निजी रिश्तों पर पड सकता है। फेमिली और प्रोफेशन में सही संतुलन बना कर चलें।

करें अपने मन की
आपके अति व्यस्त जीवन में आप खुद को भूलने लगती हैं। कभी-कभी समय निकाल कर अपना विश्लेषण करें। अपनी पसंद-नापसंद, हुनर को समझें और समय दें। पुराने एलबम देखकर भूली-बिसरी यादें भी ताजा कर सकती हैं।

परिवार को भी दें समय
ऑफिस का काम घर पर लेकर न आएं। बचा हुआ सारा समय खुद को व परिवार को समर्पित कर दें, वर्ना परिजन उपेक्षित महसूस करेंगे। डिनर के बाद सबके साथ टहलने जा सकती हैं या बच्चों का होमवर्क करवाएं।

संतुलन है जरूरी
रोज एक ही दिनचर्या अपनाने से बेहतर है कि बीच-बीच में थोडा बदलाव करती रहें। अपने काम से ब्रेक लेकर अपने परिजनों या दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाएं। एक ही टाइमटेबल पर काम करते रहने से बोरियत होने लगती है, इसलिए कुछ बदलाव जरूरी होता है।

बोझ कम रखें
न न कह पाने की आदत की वजह से अपने ऊपर काम का बोझ न बढाते रहें। काम उतना ही करें, जितना आपके बस में हो। इससे आपका तनाव कम होगा और परिवार के लिए समय भी बचा सकेंगी।

सकारात्मक सोच अपनाएं
नकारात्मक विचारों से भी तनाव बढता है। कोशिश करें कि ऐसे विचारों को दूर ही रखें। परफेक्शन के बजाय अपना बेस्ट देने का हरसंभव प्रयास करें। आप मोटिवेशनल किताबें भी पढ सकती हैं।

वर्कप्लेस पर भी करें एक्सरसाइज

अपनी दिनचर्या ऐसे निर्धारित करें कि उसमें फिजिकल वर्क भी शामिल हो। लिफ्ट के बजाय सीढिय़ों का प्रयोग करें। लंच ब्रेक के दौरान वॉक करने की आदत डालें।

रिलैक्स रहें
आराम करने का मतलब सिर्फ वेकेशन पर जाना नहीं होता है। हर 4 से 5 घंटे में दो मिनट के लिए आंखें बंद कर आप खुद को रिलैक्स कर सकती हैं। अगर कंप्यूटर पर ज्यादा काम करना पडता हो, तो बीच-बीच में आंखें बंद करके गहरीे सांस लेते रहें।

सोशल नेटवर्क बनाएं
अपनी व्यस्तता के बीच में भी दोस्तों व पडोसियों के लिए समय जरूर निकालें। इससे आपका मूड और माहौल दोनों बदल जाएंगे। उनके साथ घुलने-मिलने से आप रिलैक्स महसूस करेंगी और काम में अपना बेहतर आउटपुट भी दे सकेंगी।

ध्यान दें
ऑफिस में माहौल तनावपूर्ण न बनने दें। माहौल ऐसा रखें कि सब बिना टेंशन के काम कर सकें। गॉसिप में उलझने के बजाय बेहतर काम करने के तरीकों पर चर्चा करें। अगर आपको लग रहा हो कि किसी के घर में कोई परेशानी है, किसी की तबियत खराब है या कोई यूं ही टेंशन में है तो उसकी मदद करने की कोशिश करें। फ्री टाइम मिलने पर अपने सहयोगियों से बात जरूर करें। इससे सब एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझेंगे और कोई मुसीबत आने पर साथ भी खडे होंगे। किसी की जिंदगी में बेवजह का दखल न दें। जहां आपकी जरूरत हो, वहीं अपनी बात रखें।

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