Move to Jagran APP

10 साल में चौथी कोशिश कामयाब, जानिए- संयुक्‍त राष्‍ट्र में मसूद अजहर पर कैसे कसा शिकंजा

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की बीते 10 वर्षों में यह चौथी कोशिश थी। जानिए पुलवामा हमले के इस गुनहगार पर कैसे कसा शिकंजा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 07:57 PM (IST)
10 साल में चौथी कोशिश कामयाब, जानिए- संयुक्‍त राष्‍ट्र में मसूद अजहर पर कैसे कसा शिकंजा
10 साल में चौथी कोशिश कामयाब, जानिए- संयुक्‍त राष्‍ट्र में मसूद अजहर पर कैसे कसा शिकंजा

नई दिल्‍ली, एजेंसी। पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की पिछले 10 वर्षों में यह चौथी कोशिश थी। दरअसल, चीन संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद का अकेला ऐसा देश है जो मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्‍ताव का विरोध करता रहा है। आइये जानते हैं संयुक्‍त राष्‍ट्र में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में कैसे शिकंजा कसा...

loksabha election banner

सबसे पहले साल 2009 में प्रस्ताव, कामयाबी मिली अब भारत ने सबसे पहले साल 2009 में यह प्रस्ताव रखा था। इसके बाद वर्ष 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति के सामने दूसरी बार प्रस्ताव रखा था। लेकिन हर बार चीन ने वीटो का इस्तेमाल करके इसमें अड़ंगा लगा देता था। साल 2017 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से भारत ने तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा। लेकिन इस बार भी चीन ने वीटो का इस्तेमाल करके ऐसा होने से रोक दिया था। इस साल मार्च में भी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन, हर बार की तरह, इस बार भी चीन ने वीटो का इस्‍तेमाल करके ऐसा करने में बाधा पैदा की।

UNSC 1267 प्रतिबंध समिति का फैसला 
संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की UNSC 1267 प्रतिबंध समिति में किसी आतंकी संगठन या आतंकी के सूचीबद्ध किए जाने के लिए स्पष्ट नियम हैं। यह समिति संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रतिबंधों के मानकों की देखरेख करती है। साथ ही मानक पर फिट होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को नामित करती है। यह प्रतिबंधों से छूट के लिए अनुरोधों पर भी विचार करती है। इसी समिति ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के फैसले पर मुहर लगाया है।  

आतंकी संगठनों पर कसती है शिकंजा  
ISIS/दाएश और अल-कायदा को प्रतिबंध सूची में शामिल करने के प्रस्‍तावों पर फैसले लेने का काम भी UNSC 1267 प्रतिबंध समिति का ही था। यही समिति सुरक्षा परिषद को प्रतिबंधों के मानकों की सालाना रिपोर्ट भी भेजती है। हथियारों के आयात, विदेश में यात्राएं और संपत्तियों की जब्‍ती जैसे फैसले भी यही समिति लेती है। जब कोई व्‍यक्ति, समूह या संस्‍था का संबंध दाएश या अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ता है। अगर किसी व्यक्ति, समूह, या संस्था का संबंध दाएश या अल-कायदा जैसे संगठनों से जुड़ता है या किसी व्यक्ति, समूह, या संस्था द्वारा दाएश और अल-कायदा के समर्थन दिए जाने की बात सामने आती है तो यह समिति ही प्रतिबंध लगाने का काम करती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.