अलगाववादी नेताओं को पैसे देकर घाटी में पत्थरबाजी करवा रही ISI
आइएसआइ द्वारा दिए जा रहे पैसे से लाभ उठाने वालों में सबसे बड़ा नाम अलगाववादी नेता शब्बीर शाह का है। उन्हें आइएसआइ के अहमद सागर के जरिए 70 लाख रुपये मिले।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, ये बात काफी समय से सुनने को मिल रही है। अब इससे जुड़े कुछ अहम दस्तावेज भी सामने आ गए हैं। पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी आइएसआइ अलगाववादी नेताओं को पैसे देकर कश्मीर में माहौल को भड़काने में लगी हुई है। आइएसआइ के इस गंदे खेल का संबंध हुर्रियत नेताओं, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह और पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित तक से है।
अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ की जांच में आइएसआइ की इस करतूत का खुलासा हुआ है। चैनल को जांच में कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। इससे पता चला है कि आइएसआइ द्वारा दिए जा रहे पैसे से लाभ उठाने वालों में सबसे बड़ा नाम अलगाववादी नेता शब्बीर शाह का है। उन्हें आइएसआइ के अहमद सागर के जरिए 70 लाख रुपये मिले। इसके अलावा, आईएसआई हुर्रियत को भी अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए पैसे दे रही है।
बताया जा रहा है कि शब्बीर को जो पैसे मिले, उसे शोपियां, बारापूला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, पुलवामा जैसे जिलों में हिंसा को भड़काने के लिए खर्च किया गया। पिछले दिनों इन्हीं क्षेत्रों में पत्थरबाजी की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं।
चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, रावलपिंडी में सेना मुख्यालय स्थित आइएसआइ ऑफिस से अहमद सागर नाम के शख्स को 70 लाख रुपये दिए गए। सागर के शब्बीर शाह से संबंध हैं। सागर ने ये पैसे शब्बीर को दिए। पता चला है कि अलगाववादी नेता शब्बीर शाह इन पैसों का इस्तेमाल घाटी में हिंसा को भड़काने में खर्च कर रहे हैं। जांच से यह भी पता चलता है कि घाटी की हिंसा कोई आजादी की लड़ाई नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पैसों से प्रायोजित होने वाला कार्यक्रम है। केंद्र सरकार ने यह रिपोर्ट सामने आने के बाद वित्तीय लेनदेन पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
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