राहुल ने तृकां सांसदों से पूछा भाजपा की जीत का मंत्र
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार और भाजपा की प्रचंड जीत से हैरान-परेशान राहुल गांधी इन सवालों के जवाब ढूंढते हुए तृणमूल कांग्रेस [तृकां] की शरण में पहुंच गए। उन्होंने तृकां सांसदों से उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम सांसद के संसद में नहीं पहुंचने के कारणों पर भी चर्चा की। एक अंग्रेजी समाचार पत्र
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार और भाजपा की प्रचंड जीत से हैरान-परेशान राहुल गांधी इन सवालों के जवाब ढूंढते हुए तृणमूल कांग्रेस [तृकां] की शरण में पहुंच गए। उन्होंने तृकां सांसदों से उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम सांसद के संसद में नहीं पहुंचने के कारणों पर भी चर्चा की।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने तृकां सांसद सौगात राय और काकोली घोष से लगभग 45 मिनट बातचीत की। इस बातचीत के दौरान माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने भाजपा के बढ़ते प्रादुर्भाव पर चर्चा की। समाचार पत्र के अनुसार राहुल गांधी सदन में पीछे की सीट पर बैठे इन सांसदों के पास पहुंचे। राहुल ने दोनों से अनौपचारिक बातचीत की और इस दौरान उनकी बातचीत का केंद्र भाजपा की जबरदस्त जीत पर रहा।
राहुल ने तृकां सांसदों से यह भी जानने की कोशिश की कि क्या उत्तर प्रदेश में चुनाव के दौरान सांप्रदायिक धु्रवीकरण हुआ था, जिस वजह से वहां से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई। उन्होंने तृकां सांसदों से पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा की। वहां पर इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 17 फीसद मत मिले हैं। हालांकि भाजपा यहां दो सीटें ही जीतने में सफल हो पाई है। पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान तृकां बनाम भाजपा के बीच ही लड़ाई नजर आई।
राहुल गांधी की तृकां के सांसदों से इस मुलाकात को राजनीति गलियारे में कई कयास लगाए जा रहे हैं। संप्रग-2 के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के संबंधों के बीच काफी खटास आ गई थी। यहां तक कि तृकां प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस से नाता भी तोड़ लिया था।