नोटबंदी: इस तरह के सुरक्षा फीचरों से लैस हैं नए नोट, टूटेगी आतंकियों की कमर
अमूमन कोई भी देश सामान्य परिस्थिति में अपने करेंसी को सात से आठ वर्षों में नए सुरक्षा फीचर्स के साथ बदल देता है ताकि फर्जी नोटों से अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पुराने 500 और 1000 के नोट बंद होने और सरकार की तरफ से नए नोट जारी किए जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इसका आतंकी फंडिंग पर सबसे बड़ा असर पड़नेवाला है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, नए नोट में जो अतिरिक्त सुरक्षा के फीचर्स दिए गए हैं उसको कॉपी करना बहुत मुश्किल है।
दो हजार और पांच सौ रूपये के जो नए नोट जारी किए गए हैं उसमें कम से कम सात से आठ ऐसे अतिरिक्त फीचर्स हैं जिसे कॉपी करना आसान नहीं होगा। अधिकारी का कहना है कि इस नई करेंसी को कॉपी करने में वर्षों लग जाएंगे। ऐसे में नोटबंदी की वजह से आतंकियों की फंडिंग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
जानिए, किस तरह के सुरक्षा फीचरों से लैस हैं नए नोट
अमूमन कोई भी देश सामान्य परिस्थिति में अपनी करेंसी को सात से आठ वर्षों में नए सुरक्षा फीचर्स के साथ बदल देता है ताकि फर्जी नोटों से अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके। साल 2000 में एक हजार रूपये की करेंसी लाए जाने के बाद से लेकर अब तक इतने सालों में इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था जबकि 1987 में जारी किए गए 500 के नोट में करीब एक दशक से भी ज्यादा पहले ही परिवर्तन किया गया था।
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ऐसा अनुमान है कि करीब 17 लाख करोड़ रूपये का काला धन देश की अर्थव्यवस्था में फैली हुई थी। हालांकि, कई लोग इस काले धन को सफेद करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं उसके बावजूद करीब 4 लाख करोड़ का काला धन बैंकिंग सिस्टम में दोबारा नहीं पाएगा।
इससे अर्थव्यवस्था में फैले काले धन में कमी होगी जो सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर की रात को पुराने 500 और एक हजार रूपये को नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और लोगों से अपील की थी कि वह पुराने नोटों को अपने बैंकों में जमा कराएं या उसकी जगह पर नए नोट बदलवा लें।
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