हनी ट्रैप: बड़ी हस्तियों से देर रात वाट्सएप कॉल करती थीं छोटी और बड़ी मैडम, जानिए- पूरा मामला
Honey Trap Case से जुड़ी छोटी और बड़ी मैडम यानी आरती और श्वेता विजय जैन के कई अधिकारियों और नेताओं से संबंध हैं। वे देर रात तक वाट्सएप कॉलिंग करती थीं।
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में बड़ी हस्तियों से शारीरिक संबंध बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की SIT ने जांच शुरू कर दी है। बुधवार को SIT प्रमुख और एडीजी (काउंटर इंटेलीजेंस) संजीव शमी इंदौर पहुंचे और छात्रा मोनिका से करीब चार घंटे पूछताछ की।
उसने बताया कि छोटी-बड़ी मैडम यानी आरती और श्वेता विजय जैन के कई अधिकारियों और नेताओं से संबंध हैं। वे देर रात तक वाट्सएप कॉलिंग करती थीं। पुलिस छात्रा को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी कर रही है। जान को खतरा देखते हुए उसकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार दोपहर जैसे ही संजीव शमी को SIT प्रमुख नियुक्त किया, उन्होंने आरोपित श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर, आरती दयाल, अभिषेक और ओमप्रकाश के विरुद्ध दर्ज मानव तस्करी केस की जानकारी मंगवा ली।
केस डायरी का परीक्षण और पूछताछ
बुधवार दोपहर पलासिया थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया और एसआइ बलराम सिंह रघुवंशी ने इस मामले में पीडि़त छात्रा मोनिका को पलासिया थाने बुलाया और पूछताछ की प्रक्रिया के बारे में समझाया। कुछ देर बाद टीम मोनिका को SIT प्रमुख के पास लेकर पहुंची। उन्होंने केस डायरी का परीक्षण किया और पूछताछ की।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान मोनिका ने आरती और श्वेता के बारे में खुलकर जानकारियां दीं और कहा कि दोनों के कई नेताओं और अधिकारियों से संबंध हैं। कई लोगों को तो वह खुद के फोटो और वीडियो भी भेजती हैं। लोग पोस्टिंग, ठेकों के लिए उनसे संपर्क करते थे। कॉल रिकॉर्डिग और कॉल डिटेल के डर से वह देर रात वाट्सएप कॉलिंग करती थीं। मोनिका ने ऐसे होटल और रेस्तरां के नाम भी बताए, जहां आरती और श्वेता अक्सर मीटिंग के लिए जाया करती थीं।
गौरतलब है कि मामले में आरोपित रही सबसे कम उम्र की छात्रा मोनिका के पिता ने अन्य आरोपितों के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को बहलाफुसलाकर इस दलदल में इस्तेमाल किया गया है।
मोनिका को सरकारी गवाह बनाएगी SIT
जांच में शामिल अधिकारियों के मुताबिक अभी आरोपितों के विरुद्ध मानव तस्करी का केस दर्ज है। मोनिका के बयानों से स्पष्ट हुआ कि आरती ने उसे ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल किया था। SIT उसे सरकारी गवाह बनाएगी। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर दर्ज केस में उसका नाम निकाला जाएगा। गौरतलब है कि हरभजन सिंह की शिकायत पर ही इस गिरोह का राजफाश हुआ था।
बड़े अधिकारी 'कॉम्प्रोमाइज' कर रहे, मतलब मामला गंभीर है
SIT प्रमुख संजीव शमी ने बताया कि इस केस की गंभीरता बहुत ज्यादा है, इसलिए एसआइटी गठित की गई है। उच्च अधिकारी 'कॉम्प्रोमाइज' कर रहे हैं, मतलब मामला गंभीर है। इसी के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों को एसआइटी में जगह दी गई है। जिन लोगों की संलिप्तता पाई जाएगी, उसका नाम सामने आएगा।
आम नागरिकों से मांगी मदद, ई-मेल से भेजे सूचनाएं
एसआइटी ने लोगों से अपील की है कि अगर उनके पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे ई-मेल से भेज सकते हैं। एसआइटी प्रमुख संजीव शमी ने सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी को गोपनीय रखे जाने का भरोसा दिलाया है।