Move to Jagran APP

हनी ट्रैप मामला: विशेष न्यायालय ने एसआइटी के अधिकारियों को जारी किया नोटिस

भ्रामक अस्पष्ट जानकारी दे रही है एसआइटी क्यों न एडीजी डीआइजी और टीआइ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। विशेष न्यायालय ने एसआइटी के अधिकारियों को जारी किया नोटिस। बार-बार लिखे पत्र लेकिन नहीं आया कोई जवाब।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:26 PM (IST)
हनी ट्रैप मामला: विशेष न्यायालय ने एसआइटी के अधिकारियों को जारी किया नोटिस
भ्रामक, अस्पष्ट जानकारी दे रही है एसआइटी।

इंदौर, जेएनएन। बार-बार पत्र लिखने के बावजूद एसआइटी हनी ट्रैप मामले में जब्त हार्ड डिस्क और सीडी के बारे में कोर्ट में जानकारी नहीं दे रही है। विशेष न्यायालय ने एसआइटी के इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वह भ्रामक और अस्पष्ट जानकारी दे रही है। सोमवार को कोर्ट ने एडीजी विपिन माहेश्वरी, डीआइजी रचिवर्धन, डीआइजी मि¨लद कानस्कर और पलासिया थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया को अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट मामले में अब 6 नवंबर को सुनवाई करेगी।

prime article banner

नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन ¨सह ने 17 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप मामले में पलासिया पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपित फिलहाल जेल में हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मामले में जब्त इलेक्ट्रॉनिक सुबूत जांच के लिए हैदराबाद की फॉरेंसिक लैब भेजे हैं। वहां से अब तक रिपोर्ट नहीं आई है।

रिपोर्ट के अभाव में जिला कोर्ट में इस मामले में सुनवाई आगे नहीं ब़़ढ पा रही है। कोर्ट ने एसआइटी को कई बार पत्र लिखकर पूछा कि हैदराबाद भेजी गई हार्ड डिस्क और सीडी की रिपोर्ट कब तक मिलने की संभावना है और रिपोर्ट जल्दी मिले इसके लिए क्या कार्रवाई की गई? बार--बार पत्र लिखने के बावजूद एसआइटी की तरफ से संतोषषजनक जवाब नहीं आया। सोमवार को विशेषष न्यायाधीश रेणुका कंचन ने एसआइटी के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि वह सिर्फ भ्रामक और अस्पष्ट जानकारी दे रही है। कोर्ट ने विपिन माहेश्वरी (एडीजी एसटीएफ), रचिवर्धन (डीआइजी), मि¨लद कानस्कर (एडीजी) और शशिकांत चौरसिया (पलासिया थाना प्रभारी) को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

बार-बार लिखे पत्र, लेकिन नहीं आया जवाब : आरोपित श्वेता विजय जैन की तरफ से एडवोकेट धर्मेद्र गुर्जर ने आवेदन देकर हार्ड डिस्क और सीडी की कॉपी देने और जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए आवेदन दिया था। इस पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने 19 अगस्त, 21 अगस्त, 28 अगस्त, 3 सितंबर को पत्र लिखे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने 7 सितंबर को जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था, लेकिन 15 सितंबर को जांच अधिकारी नहीं आए। 21 सितंबर को थाना प्रभारी उपस्थित हुए, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि जांच रिपोर्ट हासिल करने के लिए क्या कार्रवाई की गई। 30 सितंबर को भी सुनवाई में कोई उपस्थित नहीं हुआ। 19 अक्टूबर को कोर्ट ने एसआइटी के अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK