गृह मंत्रालय ने राज्यों के सचिवों को लिखा पत्र, श्रमिकों के संकट को कम करने के जारी किए सुझाव
गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के सचिवों को पत्र लिखकर उनसे कहा है कि श्रमिकों के लिए जरुरी कदम उठाएं जाएं।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से लगातार मजदूरों का पलायन जारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुख्य सचिव अजय भल्ला ने आज (मंगलवार) को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर श्रमिकों के संकट को कम करने के लिए कदम उठाने के साथ कई सुझाव भी दिए हैं। साथ ही उन्होंने राज्यों और रेलवे मंत्रालय के बीच सक्रिय समन्वय द्वारा और अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन करने को कहा है।
राज्यों को दिए गए ये सुझाव
- पत्र में सुझाव देते हुए कहा गया कि उन मार्गों के लिए जहां प्रवासियों को पहले से ही पैदल यात्रा करने के लिए जाना जाता है, उन मार्गों पर राज्य सरकार द्वारा जरुरी इंतजाम किए जा सकते हैं जैसे स्वच्छता का ध्यान रखा जाए और उनके भोजन का ध्यान रखा जाए।
- जिला प्राधिकरण परिवहन की व्यवस्था करके पास के बस टर्मिनल या रेलवे स्टेशनों पर आराम करने के लिए श्रमिकों का मार्गदर्शन कर सकता है।
- प्रवासियों को उनके पते और संपर्क नंबर के साथ सूचीबद्ध करना जो कि निश्चित समय में अनुबंध अनुरेखण में सहायक हो।
- जहां श्रमिक आराम कर रहे हैं उन स्थानों पर NGO प्रतिनिधि की भागीदारी हो।
- प्रवासियों के जाने के लिए बसों की संख्या में वृद्धि की जाए। प्रवासियों को अंतर्राज्यीय सीमा पर जाने वाली बसों के प्रवेश की अनुमति दी जाए।
- प्रवासी श्रमिक फिलहाल जहां रह रहे हैं वहां, खाने के साथ-साथ सभी जरुरी इंतजाम किए जाएं, ताकि वह पैदल पलायन करना शुरु ना करें।
- साथ ही अफवाहों से श्रमिकों को दूर रखने के लिए उन्हें बस और ट्रेनों के प्रस्थान करने को लेकर सहीं जानकारी दी जाए। उन्हें बस और ट्रेन के प्रस्थान का समय बताया जाए। साथ ही कहा कि इनमें शामिल बुजुर्ग, महिला और बच्चों की खास देशभाल की जाए।
- जिला अधिकारी रेलवे मंत्रालय से ट्रेनों के संचालन के लिए गुहार लगा सकते हैं। ताकि कोई श्रमिक सड़कों पर पैदल पलायन करना शुरु ना करें।
जनकारी के लिए बता दें कि मजदूर लगातार पलायन कर रहे हैं। वह अपना निजी वाहनों या फिर पैदल चलके अपने गृह राज्य की ओर जा रहे हैं। इस दौरान अलग-अलग राज्यों में मजदूर हादसों को शिकार भी हो रहे हैं। हालांकि, सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए इन मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने का इंतजाम किया है।