गृह सचिव ने कश्मीर में सुरक्षा हालातों को लेकर की समीक्षा बैठक, ड्रग तस्करी से आतंकी फंडिंग का मुद्दा उठा
आतंकी संगठन की ओर से 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची जारी करने के बाद केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला ने घाटी में सुरक्षा के हालात के समीक्षा की। बैठक में गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आईबी रॉ और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आतंकी संगठन की ओर से 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची जारी करने के बाद केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला ने घाटी में सुरक्षा के हालात के समीक्षा की। समीक्षा बैठक में गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आईबी, रॉ और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। वहीं जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया।
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कश्मीरी पंडितों की सूची पर चर्चा
वैसे तो गृह मंत्रालय इसे रुटीन मासिक बैठक बता रहा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट की ओर से पिछले दिनों जारी 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची पर विस्तार से चर्चा हुई। दर रेसिस्टेंस फ्रंट लश्करे तैयबा का फ्रंट संगठन है। जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आतंकी गतिविधियां घाटी में न्यूनतम स्तर पर हैं और कई जिलों में नए आतंकियों की भर्ती बिलकुल बंद हो चुकी है। ऐसे में आतंकी संगठन सुर्खियों में आने के लिए इस तरह की सूची जारी करते हैं। इसके पहले आतंकी संगठन ने इसी तरह पत्रकारों की सूची भी जारी की है। लेकिन केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य प्रशासन को कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया।
आतंकियों को हथियारों की सप्लाई को लेकर चर्चा
बैठक में घाटी में विदेशी आतंकियों की घुसपैठ के साथ-साथ हथियारों और फंड की सप्लाई की स्थिति पर भी चर्चा हुई। जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि घाटी में नियंत्रण रेखा से घुसपैठ को काफी हद तक नियंत्रित किया जा चुका है। कुछ आतंकी जम्मू की अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरफ से घुसपैठ जरूर कर रहे हैं। इसके साथ ही कुछ आतंकियों के नेपाल के माध्यम से आने की भी पुष्टि हुई है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या आतंकी संगठनों को होने वाली फंडिंग को लेकर है। हवाला के माध्यम से होने वाली फंडिंग बंद है, लेकिन पंजाब में ड्रग तस्करी से माध्यम से आतंकी संगठन को फंड पहुंचाये जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके लिए पंजाब में सीमा पर सतर्कता तेज करने और ड्रोन से होने वाली ड्रग सप्लाई पर लगाम लगाने की जरूरत बताई गई।