केंद्र का निर्देश, लोगों और सामान के अंतरराज्यीय आवागमन पर राज्य न लगाएं पाबंदी
सरकार की ओर से अनलॉक के दिशा निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि व्यक्तियों या वस्तुओं के अंतरराज्यीय और राज्यों के भीतर आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अनलॉक-3 के दिशा निर्देश जारी होने के बावजूद देश के कई हिस्सों से इसके उल्लंघन की शिकायतें मिलने के बाद केंद्रीय मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों पत्र लिखकर आगाह किया है। गृहसचिव अजय भल्ला ने पत्र में कहा है कि व्यक्तियों व वस्तुओं के अंतरराज्यीय आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। इस तरह का कोई भी प्रतिबंध केंद्रीय गृह मंत्रालय के जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।
कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ राज्य अनलॉक के दिशा निर्देशों के साथ अन्य तरह की पाबंदियों की घोषणा कर रखी है। गृह मंत्रालय के पास ऐसी शिकायतें मिली कि कई राज्यों में सामान की आवाजाही में स्थानीय प्रशासन रोक टोक कर रहा है। अनलॉक-3 के दिशानिर्देशों की ओर ध्यान दिलाते हुए भल्ला ने कहा है कि ऐसी पाबंदियों से माल और सेवाओं के अंतरराज्यीय आवागमन में दिक्कतें पैदा होती हैं। इससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होती है। इसकी वजह से आर्थिक गतिविधि और रोजगार सृजन में अवरोध पैदा होता है। गृह सचिव ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि अनलॉक के दिशानिर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि व्यक्तियों या वस्तुओं के अंतरराज्यीय और राज्यों के भीतर आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
ई-परमिट की जरूरत नहीं
दिशा निर्देशों में यह भी कहा गया है कि पड़ोसी देशों के साथ समझौते के तहत सीमा पार व्यापार के लिए व्यक्तियों या सामान की ढुलाई के वास्ते अलग से अनुमति, मंजूरी अथवा ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी। ऐसे प्रतिबंध आपदा प्रबंधन कानून-2005 के प्रावधानों के तहत गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के समान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले लॉकडाउन की घोषणा 25 मार्च को कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए की थी। पहले चरण के बाद 31 मई तक लाकडाउन बढ़ा दिया गया था। एक जून से अनलाक की प्रक्रिया शुरु हुई, जिससे पूरे देश में औद्योगिक व्यापारिक गतिविधियां शुरू हुईं।