गृह मंत्रालय को कोविड से मौत के दो मामलों में कार्रवाई का आदेश, एनएचआरसी में दाखिल की गई याचिका
मानवाधिकार कार्यकर्ता व सुप्रीम कोर्ट के वकील राधाकांत त्रिपाठी ने याचिका में कहा है कि कानून के अनुपालन में केंद्र व राज्य सरकारों की लापरवाही तथा विफलता नीति निर्धारण तथा सही सोच की कमी के कारण आज तक पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्रीय गृह सचिव को कोविड-19 से परिवार के सदस्यों की हुई मौत के दो मामलों में कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता व सुप्रीम कोर्ट के वकील राधाकांत त्रिपाठी ने याचिका में कहा है कि कानून के अनुपालन में केंद्र व राज्य सरकारों की लापरवाही तथा विफलता, नीति निर्धारण तथा सही सोच की कमी के कारण आज तक पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा के गंजाम जिले के अंगारगांव निवासी कृष्णचंद साहू (42) और उनके तीन भाइयों की 14 जुलाई, 2020 के बाद मौत हो गई और उनकी विधवाएं व बच्चे अब भी जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसी प्रकार सात मई, 2021 को बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड निवासी सोनी (18) व उसके दो नाबालिग भाई-बहनों ने अपने माता-पिता को खो दिया। उनके इलाज के लिए बच्चों ने गाय व बकरियां तक बेच डालीं और अब वे बेहद दयनीय अवस्था में हैं। चूंकि, कोविड-19 आपदा के रूप में अधिसूचित हुई है, इसलिए उसके पीड़ितों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष से मदद दी जानी चाहिए। राज्य व केंद्र सरकारें निर्धारित चार लाख अथवा अन्य मुआवजा भी नहीं दे रही हैं।
अधिवक्ता ने एनएचआरसी से आग्रह किया है कि वह राज्यों से कोविड-19 से हुई मौतों तथा उनके परिजनों को दिए गए मुआवजे के संबंध में रिपोर्ट तलब करे। याचिका में कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की नीति निर्धारित करने की भी मांग की गई है। एनएचआरसी ने अपने आदेश में कहा कि यह शिकायत संबंधित प्राधिकार को उचित कार्रवाई के लिए स्थानांतरित की जा रही है। साथ ही उसने आठ सप्ताह के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है।