Amit Shah Fake Private Secretary: पत्नी ने मैसेज किया-'घर मत आना, पुलिस खड़ी है' और पकड़ा गया
गृहमंत्री अमित शाह का फर्जी पीएस गिरफ्तार। दिल्ली पुलिस को चकमा देकर रीवा व मुंबई से भागा। इंदौर में पुलिस ने ट्रेवल एजेंट बन संपर्क किया तो हाथ आ गया।
नईदुनिया, इंदौर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फर्जी पीएस अभिषेक द्विवेदी को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच को भारी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपित रीवा से मुंबई भागा और वहां से पुलिस को चकमा देकर इंदौर आ गया। इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसकी पत्नी द्वारा उसे भेजे एसएमएस, 'घर मत आना, बाहर पुलिस वाले बैठे हैं' के बाद धरदबोचा।
इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने बुधवार देर शाम समान पैलेस रीवा निवासी 27 वर्षीय अभिषेक सोमशंकर द्विवेदी को गिरफ्तार किया था। उसकी तलाश में दिल्ली क्राइम ब्रांच की तीन टीमें कई दिनों से छापे मार रही थी। अभिषेक के विरुद्ध हत्या, हत्या की कोशिश, मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में करीब एक दर्जन अपराध दर्ज हैं।
क्राइम ब्रांच ने इस तरह किया गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने आरोपित अमित के मोबाइल नंबर के आधार पर उसके रीवा स्थित घर पर दबिश दी थी। यहां से जानकारी मिली कि वह मुंबई चला गया है। क्राइम ब्रांच की टीम जब मुंबई पहुंची तो वह मोबाइल बंद कर फरार हो गया। इधर रीवा में पुलिस ने उसकी पत्नी और जीजा को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ तो दिया लेकिन पुलिसकर्मी उनके घर के बाहर निगरानी करते रहे। तभी अभिषेक की पत्नी ने उसे एसएमएस कर अलर्ट किया 'घर मत आना, बाहर पुलिस वाले बैठे हैं।' यह एसएमएस जारी होते ही पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए अभिषेक के नंबर हाथ लग गए और उसकी ताजा लोकेशन पता चल गई। पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपित इंदौर के पंढरीनाथ थाना क्षेत्र स्थित एक होटल में ठहरा हुआ है। उसने एक कार बुक की है और कुछ देर बाद सतना जाने की तैयारी में है। इस पर पुलिसकर्मी ट्रेवल एजेंट बने और उसे दबोच लिया।
वरिष्ठ आइएएस बन कर लगाता था फोन : डीआइजी
डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक, आरोपित के विरुद्ध दिल्ली क्राइम ब्रांच में केस दर्ज है। वह आइएएस अधिकारी बनकर अलग-अलग अधिकारियों को कॉल करता था। आरोपित चेन स्मोकर है। उसके पूरे शरीर पर टैटू बने हुए हैं।
पोस्टिंग बालाघाट करवाने के लिए किया था फोन
दिल्ली क्राइम ब्रांच के एसआइ संजय गुप्ता व भूपेंद्रसिंह इंदौर में जिला कोर्ट में आरोपित की पेशी के वक्त पेश हुए। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय से हमें ई-मेल मिला जिसमें गृह मंत्री के पीएस ने यह स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने और न ही मंत्रालय की स्टाफ की ओर से किसी ने सड़क परिवहन मंत्री को कोई फोन नहीं किया है। इसके बाद हमने नंबर की जांच की तो (933646464) ट्रू कॉलर में एस दिल्ली के नाम से आया। मोबाइल कंपनी से जानकारी निकाली तो यह रीवा के अभिषेक द्विवेदी का निकला।
अभिषेक ने पूछताछ में कबूला किया कि उसने यह फोन ग्वालियर में पदस्थ परिवहन निरीक्षक अजय मार्के के लिए किया था। वह मार्के का तबादला ग्वालियर परिवहन आयुक्त कार्यालय से बालाघाट जिला आरटीओ (बैरियर) करवाना चाहता था। उसने बजरंग नगर रीवा निवासी विनयसिंह बघेल के कहने पर यह कॉल किया था। विनयसिंह को भोपाल निवासी सुरेश द्वारा यह काम सौंपा गया था। पुलिस ने अभिषेक से एक मोबाइल भी जब्त किया है, जिसमें फर्जी आदेश के स्क्रीन शॉट्स मिले हैं।