Move to Jagran APP

Holika Dahan 2021: होलिका दहन आज, जानें समय, शुभ मुहूर्त सहित सभी जरूरी बातें

ज्योतिष के अनुषार होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है। इसके साथ ही होलाष्टक संपन्न हो जाएगा। दूसरे दिन सोमवार को को धुरड्डी यानी रंगोत्सव मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 27 की देर रात 228 बजे लग रही है जो 28 की देर रात 1239 बजे तक रहेगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 08:37 AM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 08:39 AM (IST)
Holika Dahan 2021: होलिका दहन आज, जानें समय, शुभ मुहूर्त सहित सभी जरूरी बातें
होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। फागुन के अंतिम दिन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर आज होलिका दहन होगा। इस बार दहन का मुहूर्त शाम सात बजे से लेकर अर्धरात्रि 12:39 बजे तक होगा। ज्योतिष के अनुषार होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है। इसके साथ ही होलाष्टक संपन्न हो जाएगा। दूसरे दिन सोमवार को चैत्र मास कृष्णपक्ष प्रतिपदा को धुरड्डी यानी रंगोत्सव मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 27 की देर रात 2:28 बजे लग रही है जो 28 की देर रात 12:39 बजे तक रहेगी।

loksabha election banner

शास्त्रीय मान्यता अनुसार प्रतिपदा, चतुर्दशी, दिन और भद्रा में होलिका दहन त्याज्य है। आमतौर पर हर पूर्णिमा को भद्रा होती है, उसके बाद ही होलिका दहन किया जाता है। इस बार भद्रा रविवार को दिन में 1:33 बजे ही खत्म हो जा रही है। होलिका दहन के बारे में कहा गया है- 'निशामुखे प्रदोषे'। प्रदोष काल सूर्यास्त के 48 मिनट के बाद तक होता है। चूंकि रविवार को सूर्यास्त 6:11 बजे हो रहा है, इसलिए प्रदोष काल 6:59 बजे तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन पूर्णिमा रात रविवार को शाम सात बजे लेकर 12:39 बजे तक किया जा सकता है। वह बताते हैं कि होलिका दहन का सबसे अच्छा समय रात नौ से 11 बजे तक है। इस दिन ढूंढा राक्षसी का ओम होलिकाये नम: जाप के साथ विधिवत पूजन किया जाता है।

होलिका दहन पूजा विधि

फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को सुबह नहाकर होलिका व्रत का संकल्प करें। दोपहर में होलिका दहन स्थान को पवित्र जल से शुद्ध कर लें। उसमें लकड़ी, सूखे उपले और सूखे कांटे डालें। शाम के समय उसकी पूजा करें। होलिका के पास और किसी मंदिर में दीपक जलाएं। होलिका में कपूर भी डालना चाहिए। इससे होली जलते समय कपूर का धुआं वातावरण की पवित्रता बढ़ता है। शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित करें। होलिका दहन के समय परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके बाद घर से लाए हुए जौ, गेहूं, चने की बालों को होली की ज्वाला में डाल दें। होली की अग्नि और भस्म लेकर घर आएं और पूजा वाली जगह रखें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.