तालिबान की वापसी के बाद सुरक्षा को लेकर शाह की अध्यक्षता में पहली हाई-लेवल बैठक, इन मुद्दों पर भी मंथन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सुरक्षा स्थितियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और सीमा तैयारियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, जेएनएन। गृह मंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के ताजा हालात और विकास कार्यो की समीक्षा की। बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल, चीफ आफ आर्मी स्टार बिपिन रावत, गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार के साथ सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद पाकिस्तान की ओर से आतंकियों की घुसपैठ की नई कोशिशों को देखते हुए इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
सुरक्षा तैयारियों की दी गई जानकारी
समझा जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों की ओर से बैठक में पाकिस्तान से सटी सीमा पर सुरक्षा तैयारियों की जानकारी दी गई। पाकिस्तान की ओर से फरवरी से युद्ध विराम समझौते के उल्लंघन की घटना नहीं हुई है, लेकिन सीमा पार लांच पैड पर बड़ी संख्या में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना आ रही है। यही नहीं कुछ खुफिया रिपोर्टों में अफगानिस्तान प्रशिक्षित आतंकियों के गुलाम कश्मीर में पहुंचने की बात कही गई है।
घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त निर्देश
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए सभी कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने साफ कर दिया कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति है और इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सुरक्षा एजेंसियां को पूरी छूट है। उन्होंने आतंकियों की ओर से ड्रोन और अन्य नई तकनीक के इस्तेमाल को देखते हुए सुरक्षा तैयारियों को भी अत्याधुनिक बनाने पर जोर दिया।
बड़ी संख्या में मारे गए ड्रोन
ध्यान देने की बात है कि जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के सभी अहम ठिकानों को एंटी ड्रोन तकनीक से लैस कर दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान से लगी सीमा और नियंत्रण रेखा पर भी संवेदनशील स्थानों पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक के लगाने के बाद बड़ी संख्या में ड्रोन को मार गिराने में सफलता मिली है।
परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, बैठक में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी हालात में आए सकारात्मक बदलावों पर भी चर्चा हुई। इस क्रम में मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। अमित शाह ने केंद्रीय योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन की प्रशंसा की और विकास की गति को और तेज करने की जरूरत पर बल दिया।
युवाओं का आतंकवाद से मोहभंग होने के संकेत
वहीं मनोज सिन्हा ने राज्य में निजी उद्योगों को लाने के लिए पिछले दिनों घोषित नई औद्योगिक व निवेश नीति के बाद किए गए प्रयासों की जानकारी दी। अमित शाह को बताया गया कि पंचायत व स्थानीय निकाय के साथ-साथ बीडीसी और डीडीसी चुनावों के बाद आम जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने में सफलता मिली है और स्थानीय युवाओं का आतंकवाद से मोहभंग होने के संकेत मिलने लगे हैं।
पाक को खटक रही जम्मू-कश्मीर में शांति
दरअसल जम्मू-कश्मीर में कायम हुई शांति व्यवस्था पाकिस्तान की आंखों में खटक रही है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक गुलाम कश्मीर में लांचिंग पैड पर आतंकियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने आतंकी सरगनाओं को भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है।
सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
हाल ही में अफगानिस्तान की जेलों से रिहा किए गए इस्लामिक स्टेट खुरासान के आतंकियों को गुलाम कश्मीर में भेजा गया है। यही कारण है कि मौजूदा वक्त में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। अधिकारियों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान में गत फरवरी में युद्ध विराम समझौते के बाद से सीमा पर घुसपैठ लगभग रुक गई थी लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद गुलाम कश्मीर यानी पीओके में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। हालांकि देश के सुरक्षा बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।