Karnataka News: हिजाब और मंदिर-मस्जिद विवाद से बढ़ा सांप्रदायिक तनाव, इन इलाकों में हालात संवेदनशील
Karnataka Hijab Row राज्य के तटीय क्षेत्र को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और भाजपा का गढ़ भी माना जाता है। इस क्षेत्र में झड़पें होना आम बात है। वहीं हिजाब विवाद के एक बार फिर शुरू होने से स्थिति संवेदनशील हो गई है।
बेंगलुरु, आइएएनएस। कर्नाटक में हिजाब और मलाली मंदिर-मस्जिद विवाद के बाद सांप्रदायिक तनाव एक बार फिर बढ़ने लगा है। दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी के तटीय इलाकों में इसका ज्यादा असर दिखाई दे रहा है। बता दें कि राज्य के तटीय क्षेत्र को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और भाजपा का गढ़ भी माना जाता है। इस क्षेत्र में झड़पें होना आम बात है। वहीं हिजाब विवाद के एक बार फिर शुरू होने से स्थिति संवेदनशील हो गई है।
बता दें कि गर्मियों की छुट्टी के बाद कॉलेज फिर से शुरू हो गए हैं और इस बीच कुछ हिंदू छात्रों ने स्कूली कक्षाओं में हिजाब पहनने के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है। दूसरी ओर मंगलुरु के यूनिवर्सिटी कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के बाद बीजेपी विधायक वेदव्यास कामत कॉलेज डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों और छात्रों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
कर्नाटक के तटीय इलाकों में उडुपी, उत्तर कन्नड़ और दक्षिण कन्नड़ आते हैं। ये सभी इलाके सांप्रदायिक तनाव के प्रभाव में हैं। इस बीच सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (SDPI) ने कहा कि वे मलाली मस्जिद से हिंदू कार्यकर्ताओं को एक मुठ्ठी मिट्टी भी नहीं ले जाने देंगे। SDPI के अब्दुल मजीद ने कहा, 'मस्जिद पर कब्जा करने के बारे में सपने में भी न सोचें।
केवल यूनिफार्म को मिली इजाजत
दक्षिण कन्नड़ जिले में हिजाब मामले पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (B.C. Nagesh) ने कहा कि राज्य के स्कूल और कालेज में केवल यूनिफार्म की ही इजाजत है। उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। मंगलरु यूनिवर्सिटी कालेज में गुरुवार को धरना प्रदर्शन के बाद हिजाब पहनने के खिलाफ शिक्षा मंत्री का यह बयान आया है। आथोरिटीज पर छात्रों ने शनिवार को अपना गुस्सा जाहिर किया। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पाठ्यपुस्तकों की प्रिंटिंग पहले ही हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि सिलेबस में राष्ट्रीयता व इतिहास शामिल है। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस को आरोप लगाया कि वे छात्रों के बीच गलतफहमी पैदा कर रहे हैं।