Move to Jagran APP

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मप्र समेत पांच राज्यों से 4 सप्ताह में मांगा जवाब

शीर्ष अदालत ने 2012 में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि 15 जून, 2012 तक सभी वाहनों में हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना सुनिश्चित करें।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 09:57 AM (IST)
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मप्र समेत पांच राज्यों से 4 सप्ताह में मांगा जवाब
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मप्र समेत पांच राज्यों से 4 सप्ताह में मांगा जवाब

नई दिल्ली (एजेंसी)। सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के आदेश पर अमल नहीं होने को लेकर अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर व डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष यह मामला आने पर गोवा, उत्तर प्रदेश, केरल, पंजाब और मध्य प्रदेश को जवाब देने का समय दिया गया।

loksabha election banner

शीर्ष अदालत ने 2012 में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि 15 जून, 2012 तक सभी वाहनों में हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाना सुनिश्चित करें या अदालत की अवमानना की कार्यवाही का सामना करना होगा। कोर्ट ने एचएसआरपी लगाने को वैधानिक आदेश बताते हुए कहा था कि यह न सिर्फ राज्य के सुरक्षा हित में है बल्कि व्यापक जनहित में भी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इसलिए यह न सिर्फ वांछित है बल्कि सभी राज्यों के लिए इसका पालन अनिवार्य है।

कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सभी राज्य नए वाहनों में 30 अप्रैल, 2012 तक तथा पुराने वाहनों में 15 जून, 2012 तक एचएसआरपी का प्रावधान पूरी तरह लागू करें। कोर्ट ने यह आदेश अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एमएस बिट्टा की एक जनहित याचिका पर दिया था। याचिका में टेंपर प्रूफ नंबर प्लेट लगाने का निर्देश देने की मांग की गई थी ताकि समाज विरोधी तत्व मौजूदा व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं कर सकें।

मप्र में कंपनी और सरकार के विवाद में उलझा मामला

मप्र में हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनी उत्सव लिंक ने मई 2015 में काम बंद कर दिया था। उसके खिलाफ घटिया नंबर प्लेट लगाने और लेटलतीफी की सैकड़ों शिकायत आई थीं। शिकायतों के बाद सरकार ने उनका ठेका निरस्त कर दिया था। कंपनी और सरकार के बीच का यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए नया ठेका नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों के अनुसार करीब चार लाख लोगों से तो पैसे लेने के बाद भी उनके वाहनों में नंबर प्लेट नहीं लग सकीं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.