दुरुस्त होगी डिजिटल एजुकेशन की गुणवत्ता, बनेगी उच्च स्तरीय कमेटी
कोरोना संकटकाल में पढ़ाई के लिए अनिवार्य जरूरत बन चुकी डिजिटल एजुकेशन की गुणवत्ता को मजबूती देने और सभी तक उसकी पहुंच को आसान बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पहल तेज की है। शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इसे लेकर अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना संकटकाल में पढ़ाई के लिए अनिवार्य जरूरत बन चुकी डिजिटल एजुकेशन की गुणवत्ता को मजबूती देने और सभी तक उसकी पहुंच को आसान बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पहल तेज की है। शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बुधवार को इसे लेकर अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की है। साथ ही इसकी गुणवत्ता और प्रसार को बेहतर रखने के लिए स्कूली शिक्षा सचिव की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी भी बनाने का सुझाव दिया है। जिसमें दूसरे संबंधित मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल होंगे।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को डिजिटल एजुकेशन की गुणवत्ता की समीक्षा का निर्देश दिया
शिक्षा मंत्री प्रधान का इस दौरान पूरा जोर डिजिटल एजुकेशन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उसे रुचिकर बनाने को लेकर था। इसके लिए उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से इसकी समीक्षा करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें, जो कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है, वह बच्चों के लिए कितना ग्राह्य है। स्वयंप्रभा टीवी चैनेल में दिखाई जाने वाली सामग्री को भी उन्होंने रुचिकर बनाने का सुझाव दिया। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इसकी पहुंच अंतिम छोर तक बैठे बच्चों तक होनी चाहिए।
स्कूली शिक्षा सचिव की अगुवाई में बनेगी कमेटी, कई मंत्रालयों के अधिकारी होंगे शामिल
प्रधान ने इस दौरान स्कूली शिक्षा सचिव की अगुवाई में गठित उच्च स्तरीय कमेटी में जिन मंत्रालय व विभागों को शामिल करने का सुझाव दिया है, उनमें स्कूली और उच्च शिक्षा के साथ कौशल विकास, इलेक्ट्रानिक्स और आइटी, दूरसंचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय , प्रसार भारती, अंतरिक्ष विभाग आदि प्रमुख हैं। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने कोरोना संकटकाल में सभी तक डिजिटल एजुकेशन की पहुंच को आसान बनाने के लिए सेटेलाइट टीवी को विस्तार देने की पहल की थी। संसदीय समिति ने इसको लेकर कई राज्यों को तलब भी दिया था।