हाई कोर्ट ने मांगा हलफनामा, अपात्र लोग एनआरसी में कैसे शामिल हुए
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम कोऑर्डिनेटर को दिया तीन हफ्ते का समय। हाई कोर्ट के इस आदेश को हाल ही में वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। रहीमा बेगम को नलबाड़ी जिले के विदेशी न्यायाधिकरण संख्या-3 ने आठ नवंबर 2019 को विदेशी घोषित कर दिया था।
गुवाहाटी, प्रेट्र। गुवाहाटी हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के असम कोऑर्डिनेटर को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर यह बताने के लिए कहा है कि अपात्र लोगों का एक पूरा वर्ग एनआरसी में अपने नाम शामिल कराने में कैसे सफल रहा। हलफनामा दाखिल करने के लिए हाई कोर्ट ने तीन हफ्ते का समय दिया है।
जस्टिस मनोजित भुयन और जस्टिस सौमित्र सैकिया की पीठ नलबाड़ी जिला विदेशी न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ रहीमा बेगम की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायाधिकरण ने रहीमा को विदेशी घोषित कर दिया था। पीठ ने कहा, उन्होंने देखा है कि स्थापित मानकों को धता-बताकर कई नाम एनआरसी में शामिल किए गए हैं। 19 अक्टूबर के इस आदेश में अदालत ने स्पष्ट किया कि हलफनामा सिर्फ नलबाड़ी जिले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें राज्यभर के सभी जिलों के विवरण शामिल होंगे।
हाई कोर्ट के इस आदेश को हाल ही में वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। पीठ ने टिप्पणी की, 'वर्तमान मामले में बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा नजर में आया है। यह एक अकेला मामला नहीं है, बल्कि कई मामलों में हमने ऐसे मुद्दों को देखा और रिकॉर्ड किया है।' अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता का नाम उस वक्त एनआरसी में शामिल कर लिया गया जब नलबाड़ी के एसपी (बॉर्डर) के संदर्भ के आधार पर उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई थी। इस तरह एनआरसी में नाम शामिल करना कानून के खिलाफ है।
बता दें कि रहीमा बेगम को नलबाड़ी जिले के विदेशी न्यायाधिकरण संख्या-3 ने आठ नवंबर, 2019 को विदेशी घोषित कर दिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने इस साल 14 अगस्त को गुवाहाटी हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी। याद दिला दें कि एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त, 2019 को जारी की गई थी जिसमें 19,06,657 लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 लोगों के नाम एनआरसी में शामिल किए गए थे।