Corona Guidelines: हाई कोर्ट ने कहा- राजनीतिक पार्टियां अलग नहीं हैं, कानून सभी के लिए बराबर
हाई कोर्ट ने बहस के बाद राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए अंतरिम आदेश पारित करने की बात कही है। मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को करने के निर्देश दिए हैं।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। कोरोना काल में राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में युगल पीठ ने सुनवाई की। बहस के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राजा हो या रंक कानून सभी के लिए बराबर है। राजनीतिक पार्टियों के लिए अलग से कानून नहीं बना है। कोविड-19 एक भयानक समस्या है। इसके बचाव के लिए बनाए गए नियमों का पालन सभी को करना होगा। राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों को लेकर एक अंतरिम आदेश पारित करेंगे। 28 सितंबर को याचिका पर फिर से सुनवाई होगी।
राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों की भीड़, कोरोना के चलते बनाई गई गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना) की वजह से वैवाहिक आयोजन, अन्य सामाजिक कार्यक्रम व अंत्येष्टि में ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। जबकि शहर में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राजनीतिक दलों ने आमजन का जीवन खतरे में डाल दिया है। कोविड-19 को लेकर बनाई गई गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा है।
याचिका: कोरोना को फैलने से रोकने के लिए राजनीतिक सभाओं को प्रतिबंधित किया जाए
शहर में होने वाली सभाओं को प्रतिबंधित किया जाए। जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके। याचिकाकर्ता ने हाल ही में हुए भूमि पूजन के कार्यक्रमों के फोटो भी पेश किए। कार्यक्रम में मौजूद लोग न मास्क लगाए हुए थे, न सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियम का पालन कर रहे थे। दरअसल, याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद शासन की ओर से कहा गया कि सरकार ने भूमि पूजन कार्यक्रम किए थे, जिसमें कोविड की गाइडलाइन का पालन भी किया गया। शासन के इस जवाब पर याचिकाकर्ता ने भूमिपूजन व कार्यक्रमों के फोटो दिखाए। हाई कोर्ट ने बहस के बाद राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए अंतरिम आदेश पारित करने की बात कही है। मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में प्रशासन व पुलिस से भी जवाब मांगा गया है।
सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई
सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई। जबलपुर से वापस लौटाई याचिका कोरोना की स्थिति को देखते हुए याचिका सितंबर के पहले सााह में पेश की गई थी। 11 सितंबर को हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर ने याचिका को सुना था। चीफ जस्टिस एके मित्तल ने याचिका को फिर से ग्वालियर खंडपीठ में युगल पीठ द्वारा सुनने का आदेश दिया था। दरअसल, चीफ जस्टिस ने एक आदेश जारी किया था कि कोविड-19 से संबंधित जो याचिकाएं हाई कोर्ट में पेश की जाती है, उनकी सुनवाई जबलपुर में होगी। इस वजह से यह याचिका पहले जबलपुर भेजी गई थी।