Move to Jagran APP

हाई कोर्ट ने कहा- इस्तीफा देने वाले विधायकों को कैसे बनाया मंत्री, सीएम समेत 14 मंत्रियों को नोटिस जारी

संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत मंत्री बनाए जाने के लिए विधायक होना जरूरी है लेकिन उक्त 14 मंत्रियों में से कोई भी विधायक नहीं हैं। कुल 32 मंत्री बनाए गए हैं इनमें से 14 अर्थात 40 फीसदी मंत्री विधायक ही नहीं हैं। यह संविधान का मजाक है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 10:34 PM (IST)
हाई कोर्ट ने कहा- इस्तीफा देने वाले विधायकों को कैसे बनाया मंत्री, सीएम समेत 14 मंत्रियों को नोटिस जारी
जवाब पेश करने के लिए 14 दिसंबर तक का समय दिया गया है।

जबलपुर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष सहित 14 मंत्रियों को नोटिस जारी किए हैं। इसमें पूछा गया है कि इस्तीफा देने के बावजूद मंत्री कैसे बना दिए गए? जवाब पेश करने के लिए 14 दिसंबर तक का समय दिया गया है। 

loksabha election banner

मुख्यमंत्री, विस अध्यक्ष सहित 14 मंत्रियों को नोटिस जारी

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की युगलपीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, राज्यपाल के सचिव, राष्ट्रपति के कैबिनेट सचिव, भारत निर्वाचन आयोग, मंत्रियों- तुलसीराम सिलावट, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंषाना, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, डॉ. महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह, विजेंद्र सिंह यादव, गिरिराज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ व ओपीएस भदौरिया को नोटिस जारी किए। 

कांग्रेस छोड़ने के बाद मंत्री पद दे दिया गया 

छिंदवाड़ा निवासी अधिवक्ता आराधना भार्गव की ओर से यह याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि कांग्रेस की निर्वाचित सरकार गिराने के लिए मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुआई में साजिश रची गई। इसके तहत 22 कांग्रेस विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बाद मे भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इनमें से 14 को मंत्री बना दिया।

विधायक न होते हुए भी 14 लोगों को मंत्री बना दिया गया

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत मंत्री बनाए जाने के लिए विधायक होना जरूरी है, लेकिन उक्त 14 मंत्रियों में से कोई भी विधायक नहीं हैं। विशेष परिस्थितियों में मुख्यमंत्री किसी विद्वान, किसी विषय विशेषज्ञ या ऐसे किसी व्यक्ति को, जिसे मंत्री बनाया जाना आवश्यक हो, मंत्री नियुक्त कर सकता है। प्रदेश में ऐसी परिस्थितियां न होने के बावजूद मनमानी तरीके से उक्त 14 लोगों को विधायक न होते हुए भी मंत्री बना दिया गया।

संविधान के अनुच्छेद 164 का उल्लंघन, 40 फीसदी मंत्री विधायक ही नहीं

यह भी दलील दी गई कि जिन लोगों ने खुद विधायक रहना नहीं चाहा और जनता के चुने हुए पद से इस्तीफा दे दिया, उन्हें मंत्री बनाया जाना संविधान के अनुच्छेद 164 का सीधा उल्लंघन है। विशेष परिस्थितियां भी एक या दो लोगों के लिए हो सकती हैं, 14 लोगों के लिए एक साथ नहीं। कुल 32 मंत्री बनाए गए हैं, इनमें से 14 अर्थात 40 फीसदी मंत्री विधायक ही नहीं हैं। यह संविधान का मजाक है।

भाजपा सरकार को बर्खास्त किया जाए

आग्रह किया गया कि असंवैधानिक तरीके से नियुक्त किए गए इन 14 मंत्रियों को हटाया जाए। साथ ही संविधान की मंशा के खिलाफ जाकर मनमानी करने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार को भी बर्खास्त किया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.