दिल्ली की तर्ज पर ट्रायल तो नहीं!
यहां भी क्या दिल्ली जैसा रिहर्सल था? क्या आतंकियों ने महज धमाका करके ताजनगरी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है? क्या आने वाले दिनों में दिल्ली हाईकोर्ट की तरह कोई बड़ा धमाका होने वाला है? क्या पुलिस दहशतगर्दो को अगला पैंतरा खेलने से पहले रोक पाएगी? शनिवार की शाम जय हॉस्पिटल में हुए बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
आगरा। यहां भी क्या दिल्ली जैसा रिहर्सल था? क्या आतंकियों ने महज धमाका करके ताजनगरी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है? क्या आने वाले दिनों में दिल्ली हाईकोर्ट की तरह कोई बड़ा धमाका होने वाला है? क्या पुलिस दहशतगर्दो को अगला पैंतरा खेलने से पहले रोक पाएगी? शनिवार की शाम जय हॉस्पिटल में हुए बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में भी आतंकियों ने रिहर्सल करके एक माह बाद बड़ी साजिश को अंजाम दिया था। जानकारों के मुताबिक जय हॉस्पिटल में जिस बम के जरिए विस्फोट किया गया, उसकी मारक क्षमता कम, लेकिन धमक ज्यादा थी। लिहाजा इसकी चपेट में आने वाले लोग घायल तो हुए पर न तो उस दीवार को नुकसान पहुंचा, जिससे सटाकर बम रखा गया था और न ही अन्य किसी दीवार को। सिर्फ कांच टूटे और कुर्सियों वाली बेंच उछली।
विस्फोट स्थल को लेकर भी आशंकाएं सामने आई हैं। धमाका करने वालों ने विस्फोट के लिए ऐसे हॉस्पिीटल को चुना, जो सड़क के किनारे तो था, मगर भीड़भाड़ कम रहती थी। साथ ही ऐसी जगह जाकर कम क्षमता का बम रखा, जहां पहुंचने में कोई ज्यादा मशक्कत भी नहीं करनी पड़ी।
कहीं ताज तो नहीं अगला निशाना?
ताज रात्रि दर्शन के दौरान चार दिन पूर्व हुई घटना को लेकर अब आशंकाएं गहरा गई हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि ताज की रेकी हुई हो और अब अगला निशाना वही हो। 13 सितंबर की रात पहली शिफ्ट के दो पर्यटक शिल्पग्राम की जगह सीधे करीब 9.15 बजे पूर्वी गेट पर पहुंचे थे।
एएसआइ कर्मियों ने दोनों को बिना किसी चेकिंग के अंदर प्रवेश करा दिया। जब जागरण ने इसका खुलासा किया तो एएसआइ के पास इन दोनों पर्यटकों के पहचान संबंधी कोई दस्तावेज नहीं था। ये दोनों पर्यटक भारतीय थे। खुलासे के बाद डीआइजी ने इस मामले की जांच एलआइयू को सौंपी है। इसके बाद एटीएस की टीम भी ताज को खंगाल चुकी है।
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