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सीएम ने किया पीएम का बहिष्कार

रांची। शहर के प्रभात तारा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान लोगों के बार-बार मोदी मोदी चिल्लाने से नाराज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सिस्टम के साथ बलात्कार है। हूटिंग से दुखी हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम राजनीतिक ताकत दिखाने की जगह नहीं है, उसके अखाडे़ दूसरे हैं और वैसा करना है तो उसके लिए भी हम तैयार हैं।

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:06 AM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 09:34 PM (IST)
सीएम ने किया पीएम का बहिष्कार

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी कार्यक्रमों में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाद गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हूटिंग की बारी थी। इससे सतर्क महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नागपुर में पीएम के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मोदी के सरकारी कार्यक्रमों का राजनीतिकरण कर रही है।

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पीएम के कार्यक्रमों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों के साथ हो रही हूटिंग की घटनाओं से सियासी घमासान तेज हो गया है। इसको लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी ने हूटिंग की इन घटनाओं को भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा करार दिया। उन्होंने पीएम से कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं को इस तरह की अशोभनीय हरकतों से बाज आने के लिए कहें। नाराज हेमंत सोरेन का कहना था, 'मुझे लगता है कि इस तरह की घटनाएं संघीय ढांचा को तोड़ने की कोशिश है। यह संघीय व्यवस्था से दुष्कर्म जैसी घटना है। पीएम को इस मामले में जरूर ध्यान देना चाहिए।

भविष्य में मैं पीएम के कार्यक्रमों में शामिल होने के बारे में सौ बार विचार करूंगा।' उन्होंने हूटिंग की इस घटना को भाजपा की पूर्व नियोजित चुनावी स्टंट करार दिया। जबकि भाजपा ने कहा, 'लोकसभा चुनावों में बुरी तरह से हारने के बाद भी कांग्रेसी जमीन सच्चाई से रूबरू नहीं होना चाहते हैं। नकारात्मक राजनीति के बजाय कांग्रेस को सोचना चाहिए कि उसके राज्य नेतृत्व से लोग क्यों खफा हैं।'

दरअसल रांची के प्रभात तारा मैदान में नेशनल पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, भीड़ में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'मोदी..मोदी' की नारेबाजी कर उन्हें हूट करना शुरू कर दिया। ऐसा लगभग आधा दर्जन से ज्यादा बार हुआ। इस दौरान हेमंत सोरेन थोड़े असहत तो जरूर दिखे, लेकिन अपना भाषण जारी रखा। हुड्डा के मुकाबले अधिक धैर्य का परिचय देते हुए सोरेन ने कहा, 'सत्ता तो आती-जाती रहती है। हमें इस मंच और अवसर को सम्मान देना चाहिए। हमें अपनी सियासी दुश्मनी एक दिन के लिए भुला देनी चाहिए।' लेकिन भीड़ उनके तर्को को सुनने के लिए तैयारी नहीं थी, लोगों ने नारेबाजी और तेज कर दी। इस दौरान पीएम ने हाथ के इशारे से लोगों को शांत रहने की अपील की। हालांकि हेमंत सोरेन ने शोरशराबा और नारेबाजी के बीच भी अपनी बात सिलसिलेवार रखी।

उन्होंने पीएम को नसीहत देते हुए कहा, 'गरीबों को झूठे सपने दिखाना बंद करें। क्योंकि अगर यह सपना टूटा तो विनाश होगा।' सभा समाप्त होने के बाद उनकी नाराजगी परवान पर थी। हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम में ऐसा करना संघीय ढांचा पर प्रहार है। वे आगे से प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंच साझा करने के पहले विचार करेंगे। उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस घटना से बेहद नाराज दिखी। पार्टी महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने हूटिंग की घटना पर पीएम से माफी मांगने के लिए कहा। इस घटना के खिलाफ झामुमो ने तत्काल जिला कमेटियों को हरेक जिला मुख्यालय पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने का निर्देश जारी कर दिया।

हुड्डा के बाद सोरेन के साथ घटी इस घटना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चव्हाण को पीएम के कार्यक्रम से दूर रहने के लिए मजबूर किया। पिछले हफ्ते रायगढ़ के कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की धक्कामुक्की के शिकार हुए चव्हाण ने गुरुवार को मोदी के नागपुर और मौदा में आयोजित कार्यक्रमों से खुद को दूर रखने में ही अपनी भलाई समझी।

ध्यान रहे कि मंगलवार को कैथल में आयोजित पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी हूटिंग का सामना करना पड़ा था। इससे नाराज हुड्डा ने भविष्य में पीएम के कार्यक्रमों के बहिष्कार की धमकी दी थी। इसी घटना के बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चव्हाण ने भी पीएम के मौदा और नागपुर में आयोजित कार्यक्रमों से किनारा करने की घोषणा कर दी।

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