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योंगेंद्र, प्रशांत के पक्ष में लॉबिंग, समर्थन में विदेशों से आ रहे फोन

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दिल्ली स्थित कुछ सदस्यों और कार्यकर्ताओं का दावा है कि उन्हें यूएस से कुछ फोन आए हैं, जोकि खुद को पार्टी के एनआरआई सेल से होने का दावा करते हुए खुलेआम योगेंद्र और प्रशांत का समर्थन करने को कह रहे हैं।

By Sandeep KumarEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2015 11:13 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2015 12:02 PM (IST)
योंगेंद्र, प्रशांत के पक्ष में लॉबिंग, समर्थन में विदेशों से आ रहे फोन

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र और नीतियों पर सवाल उठाने के बाद पीएसी से बाहर हुए सीनियर लीडर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का पार्टी में भविष्य क्या होगा, यह आगामी 28 मार्च को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तय करेगी। लिहाजा, पार्टी से बेदखल किए जाने की आशंकाओं के मद्देनजर दोनों नेताओं के समर्थन में पैरवी भी शुरू हो गई हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दिल्ली स्थित कुछ सदस्यों और कार्यकर्ताओं का दावा है कि उन्हें यूएस से कुछ फोन आए हैं, जोकि खुद को पार्टी के एनआरआई सेल से होने का दावा करते हुए खुलेआम योगेंद्र और प्रशांत का समर्थन करने को कह रहे हैं।

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एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, एक पार्टी कार्यकर्ता मनीष गुलिया ने उन्हें बताया कि उन्हें मंगलवार सुबह आरती नामक एक लड़की का फोन आया। 20 मिनट की बातचीत के दरम्यान वह उन्हें योगेंद्र और प्रशांत का समर्थन करने को लेकर राजी कर रही थी। मनीष के अनुसार, सुबह साढ़े नौ बजे आरती ने फोन कर कहा कि उन्हें और कुछ अन्य साथियों को एनसी सदस्यों की सूची मिली है और वे सभी को कॉल कर उनसे पार्टी के भीतर चल रहे घमासान को लेकर पक्ष जान रहे हैं।

लड़की ने बाद में केजरीवाल द्वारा लिए गए उन निर्णयों को भी उनसे बताने को कहा, जो पार्टी हित में नहीं थे। कॉलर ने उनसे केजरीवाल के एक साथ दो पदों पर रहने को लेकर भी रूख जानना चाहा। गुलिया ने कहा, लड़की ने उनसे 27 मार्च को एक मीटिंग में भाग लेने को कहा, लेकिन जगह और समय का खुलासा नहीं किया। गुलिया ने इस पर आपत्ति भी जाहिर की।

एक और एनसी सदस्यम सजानंद राय ने कहा, उन्हें पिछले सप्ताह ही ऐसी दो कॉल आईं। कॉल वॉशिंगटन से की गई थीं। उनसे भी कॉल करने वाले ने इन्हीं मुद्दों पर राय जानने की कोशिश की और 27 मार्च को एक मीटिंग में शरीक होने को कहा, जिसमें एडमिरल (सेवानिवृत) रामदास का समर्थन करने को कहा गया। साथ ही यागेंद्र और प्रशांत के समर्थन में भी वोट करने को कहा गया।

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