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उत्तराखंड में फिर होंगे मौसम के तेवर तल्ख, बर्फबारी-बारिश से और बिगड़ेंगे हालात

मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर एक बार फिर से चल सकता है। इसकी वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 09:38 PM (IST)
उत्तराखंड में फिर होंगे मौसम के तेवर तल्ख, बर्फबारी-बारिश से और बिगड़ेंगे हालात
उत्तराखंड में फिर होंगे मौसम के तेवर तल्ख, बर्फबारी-बारिश से और बिगड़ेंगे हालात

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में दो दिन बाद फिर से मौसम के बिगड़ने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार और गुरुवार को प्रदेश में कई स्थानों पर बर्फबारी के साथ ही निचले स्थानों पर बारिश के आसार बन रहे हैं। हालांकि मंगलवार को मौसम साफ रहेगा। 

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प्रदेश में भले ही सोमवार को मौसम साफ रहा हो और लोगों ने गुनगुनी धूप का आनंद उठाया हो, लेकिन बुधावर से उनकी मुसीबतों में इजाफा हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश और बर्फबारी का दौर एक बार फिर से चल सकता है। इसकी वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा। 

रास्ते बंद, अंधेरे में गुजारनी पड़ रही रात 

पहाड़ों में हुर्इ बारिश और बर्फबारी से बढ़ी दुश्वारियों का दौर अभी खत्म भी नहीं हुआ है।  हालात ये है कि कर्इ गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है और मोटर मार्ग बाधित है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बर्फील हवा से लोग बेचैन हैं। पांच शहरों में पारा जमाव बिंदु या इससे नीचे जा पहुंचा है। पूरे प्रदेश में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से कम है।  

बर्फबारी से चकराता में फंसे पर्यटक 

पहाड़ों पर हुर्इ बर्फबारी ने पर्यटकों की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लोखंडी में आठ दिन से फंसे पर्यटकों को सोमवार को भी नहीं निकाला जा सका। हिमपात वाले इलाकों में बसे चकराता क्षेत्र के चार दर्जन गांवों में जनजीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। आठ दिन से पेयजल, सड़क, संचार जैसी समस्याओं ने लोगों की दुश्वारियां और बढा दी हैं। पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारापत्ती लाने की है।

बर्फ पिघलाकर बुझ रही प्यास 

चकराता में हिमपात से पेयजल लाइनों के स्रोत जमने पर लोगों को बर्फ पिघलाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। बर्फ प्रभावित गांवों में पिछले दो सप्ताह से लाइनों में पेयजल आपूर्ति ठप है। जल संस्थान के अधिकारी भी पेयजल समस्या दूर नहीं कर पा रहे हैं। 

बीमार को पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ता अस्पताल 

क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाके में बसे ग्रामीणों के सामने सबसे बडी समस्या बीमार को अस्पताल तक पहुंचाने में आ रही है। हाड कंपकपाती ठंड से बीमार हो रहे लोगों को पीठ पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ रहा है। कई किमी की दूरी नाप कर लोग स्वास्थ्य सेवा ले पा रहे हैं।


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