पहली बारिश से ही मुंबई बेहाल
अपने निर्धारित समय से करीब 25 दिन देर से मुंबई पहुंचे मानसून की पहली बारिश ने ही बुधवार को मुंबई को बेहाल कर दिया। जगह-जगह हुए जलभराव के कारण सड़क और रेल यातायात से लेकर हवाई सेवाएं तक प्रभावित हुईं। अगले 48 घंटे इसी तरह बारिश होने के आसार हैं।
मुंबई [राज्य ब्यूरो]। अपने निर्धारित समय से करीब 25 दिन देर से मुंबई पहुंचे मानसून की पहली बारिश ने ही बुधवार को मुंबई को बेहाल कर दिया। जगह-जगह हुए जलभराव के कारण सड़क और रेल यातायात से लेकर हवाई सेवाएं तक प्रभावित हुईं। अगले 48 घंटे इसी तरह बारिश होने के आसार हैं।
महानगर में मंगलवार की शाम से ही हल्की बरसात शुरू हो गई थी, जो बुधवार दिन में भी जारी रही। हालांकि अभी बारिश ने यहां वैसा रूप नहीं दिखाया, जिसके लिए मुंबई की बारिश जानी जाती है। इसके बावजूद बरसात को लेकर की गई मुंबई महानगरपालिका की तैयारियों की पोल खुलती दिखाई दी।
मुंबई के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को जोड़नेवाले दो प्रमुख मार्गो पश्चिम एक्सप्रेस हाइवे एवं लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर जगह-जगह हुए जलभराव के कारण ऑटो-टैक्सी एवं अन्य वाहन बंद पड़ते दिखाई दिए। जिसके कारण सड़क पर लंबा जाम दिखाई दिया। खासतौर से उपनगरीय ट्रेनों के हार्बर रूट पर कई जगह रेल की पटरियों पर पानी भर जाने से उपनगरीय रेल सेवाएं भी बाधित हुईं।
कुछ ही समय पहले शुरू हुई मेट्रो रेल ने बुधवार को लोगों को विशेष राहत पहुंचाई। शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से को जोड़नेवाली इस सेवा में आज अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ रही। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि वह फिलहाल अधिक जलभराव वाले इलाकों पर नजर रख रहे हैं ताकि बारिश से होने वाली समस्या से निपटा जा सके।
मुंबई में मानसून की बरसात सामान्यत: छह जून को शुरू हो जाती है। इस बार शुरुआत में एक-दो दिन फुहारें देकर मानसून नदारद हो गया था। चूंकि मुंबई और इसके उपनगरों में पेयजल के लिए भी मुंबई से नासिक तक स्थित सात-आठ बड़ी झीलों पर निर्भर रहना पड़ता है, इसलिए कमजोर मानसून यहां विशेष चिंता का कारण बन जाता है। इस बार भी मानसून की देरी के कारण मुंबई महानगरपालिका ने जल आपूर्ति में 20 फीसद कटौती की घोषणा कर दी है यह कटौती अभी कुछ दिन और जारी रहने के आसार हैं।
गौरतलब है कि मुंबई के अलावा शेष महाराष्ट्र में भी अभी मानसून ने दस्तक नहीं दी है। मराठवाड़ा एवं विदर्भ के इन इलाकों में इस बार सर्दियों के बाद हुई बेमौसम बरसात ओलावृष्टि ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया था। अब मानसून की देरी से उनकी दिक्कतें और बढ़ती दिखाई दे रही हैं।
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