केरल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
केरल में भारी बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया है, जिसके कारण यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
तिरुअनंतपुरम(आईएएनएस)। दक्षिण-पश्चिम मानसून के फिर से सक्रिय होने के साथ केरल में भारी बारिश से कई जगहों पर पानी भर गया। बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन और फसल को नुकसान हुआ है। सर्वाधिक प्रभावित जिले इडुक्की में भूस्खलन की घटनाएं हुई और फसलों को नुकसान पहुंचा। इडुक्की के जिलाधिकारी ने रात के दौरान लोगों से सफर से बचने को कहा है, क्योंकि भूस्खलन की आशंका है। प्रोफेशनल कॉलेजों को छोड़कर सभी शैक्षाणिक संस्थानों में मंगलवार को छुट्टी घोषित कर दी गयी है।
अलाफुझा जिले के चांदरीरूर में मैंगलोर एक्सप्रेस के अंतिम बोगी पर पेड़ गिरने की खबर मिली है, लेकिन इससे किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इसके कारण तीन घंटे की देरी से ट्रेन आगे बढ़ी। अनेक जिलों में पिछले 36 घंटे से बारिश जारी है जिसके कारण 3000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
14 में से आठ जिलों के सभी शिक्षण संस्थान सोमवार को बंद कर दिए गए और अधिकतर यूनवर्सिटी परीक्षाओं को स्थगित करा दिया गया है। सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अल्लाफुजा, वायनाड, कोट्टायम, कोल्लम और कोच्चि हैं। तटीय जिलों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है साथ ही मछुआरों को समुद्र में जाने से मना करते हुए चेतावनी दी है।
पर्वतीय इलाकों में संभावित भूस्खलन को देखते हुए अलर्ट जारी किए गए हैं। वायनाड जिले से होकर कर्नाटक जाने वाली बसों को रोक दिया गया है। राज्य के रेवेन्यू मंत्री इ. चंद्रशेखरन ने अपने विभाग व जिला अधिकारियों को इससे हुए हानि का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है।
वायनाड और कोझिकोड के ऊंचाई वाले क्षेत्र में भूस्खलन, जलजमाव और संपत्ति के नुकसान की खबर मिली है। मौसम विभाग ने राज्य के अधिकतर जिलों में बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।