झमाझम बारिश में भीगा उत्तर भारत, प. भारत में सूखे की आशंका
जुलाई माह के पहले दिन ही झमाझम बारिश ने उत्तर भारत के कई हिस्सों को तर कर दिया। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व पंजाब में जोरदार बारिश हुई तो राजधानी दिल्ली में मंगलवार को दिनभर हल्के बादल छाए रहे। इससे तापमान अपेक्षाकृत कम (36 डिग्री) रहा लेकिन बारिश नहीं होने से उमस बढ़ गई और आद्रता 71 प्रतिशत तक जा पहुंची। मौसम विभाग ने कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार कुछ हिस्सों में मानसून सक्रिय हो गया है
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। जुलाई माह के पहले दिन झमाझम बारिश ने उत्तर भारत के कई हिस्सों को तर कर दिया। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व पंजाब में जोरदार बारिश हुई तो राजधानी दिल्ली में मंगलवार को दिनभर हल्के बादल छाए रहे। इससे तापमान अपेक्षाकृत कम (36 डिग्री) रहा लेकिन बारिश नहीं होने से उमस बढ़ गई और आद्रता 71 प्रतिशत तक जा पहुंची। मौसम विभाग ने कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार कुछ हिस्सों में मानसून सक्रिय हो गया है जबकि कुछ जगह मानसून पूर्व की बारिश हो रही है।
उत्तराखंड में पहाड़ व मैदानों में जमकर मेघ बरसे। सोमवार रात भर रुक-रुक बारिश होती रही जिससे मौसम खुशगवार हो गया लेकिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की चिंताएं बढ़ गई। मौसम विभाग ने मंगलवार शाम से 48 घंटे तक कुछ स्थानों पर अपेक्षाकृत भारी वर्षा की चेतावनी दी है। प्रदेश में आमतौर पर 25 से 28 जून के बीच आने वाला मानसून इस बार विलंब रहा। हिमाचल प्रदेश में पहली बारिश ने ही संकट पैदा कर दिया। राजधानी शिमला के नवबहार में मलबा गिरने से एक भवन को खतरा पैदा हो गया है और वहां रह रहे छह परिवारों ने पड़ोसियों के घर रात गुजारी। विकासनगर में भी बारिश का पानी व मलबा दुकानों में घुस गया। मौसम विभाग के अनुसार मानसून 30 सितंबर तक प्रदेश में प्रभावी रहेगा लेकिन शुरुआती दौर में यह खूब असर दिखाएगा। जम्मू-कश्मीर की वादियों में भी सोमवार देर शाम व मंगलवार को बारिश से लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के बस्ती, मुजफ्फरनगर, खलीलाबाद, गोरखपुर, हरैया, कतर्नियाघाट व अयोध्या में जमकर बारिश हुई। इसके अलावा मुरादाबाद, आंवला, सलेमपुर, गाजीपुर, उतरौला, बरेली आदि जगहों पर मध्यम दर्जे की बारिश रिकॉर्ड की गई। प्रदेश में अगले 24 घंटे में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना है। पंजाब के भी कई जिलों में झमाझम बारिश हुई।
पश्चिम भारत में पड़ सकता है सूखा: कृषि मंत्री
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषिष मंत्री राधामोहन सिंह ने पश्चिम भारत में सूखे की आशंका जताई है। राधामोहन ने मंगलवार को कहा कि मानसून के आने में हो रही देरी के कारण पश्चिम भारत में सूखा पड़ सकता है।
राधामोहन ने महाराष्ट्र से आए एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में कहा कि मौसम विशेषज्ञों ने इस बार छह जुलाई के बाद मानसून के सक्रिय होने की संभावना व्यक्त की है। देश के विभिन्न हिस्सों में इस बार औसत से लगभग 40 फीसद कम बारिश हुई है।
35 फीसद कम बुवाई
देश में इस बार पिछले साल की तुलना में इसी समय के मुकाबले खरीफ फसलों की लगभग 35 फीसद कम बुवाई हुई है। कृषिष मंत्रालय ने सूखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए आकस्मिक योजना तैयार कर ली है।
महाराष्ट्र में हालत ज्यादा खराब
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में इस साल कमजोर मानसून की आशंका को लेकर किसान परेशान हैं। हजारों एकड़ जमीन में कपास, सोयाबीन और दूसरी फसलें बो चुके किसान वर्षा के अभाव में नुकसान को लेकर डरे हुए हैं। किसानों ने इस महीने की शुरुआत में बुआई के साथ ही उर्वरक और कीटनाशकों का भी खेतों में छिड़काव कर दिया था, लेकिन क्षेत्र में अब तक बारिश नहीं हुई है। विदर्भ जन आंदोलन समिति के किशोर तिवारी ने कहा कि बारिश नहीं होने से 20 लाख किसानों की आजीविका और अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। किसानों ने बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने के लिए कर्ज लिया और इधर बारिश ने सारी मेहनत और निवेश पर पानी फेर दिया। सरकार को तत्काल ऐसी फसलों का विकल्प किसानों को मुहैया कराना होगा जिनको कम पानी की आवश्कता होती है, ताकि किसानों का नुकसान कम हो।
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