भारी बारिश से उफनाई शिप्रा, उज्जैन में बाढ़ के हालात
मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन और भोपाल में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उज्जैन में क्षिप्रा नदी उफान पर है जिसकी वजह से शहर में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। बारिश ने कई इलाकों को टापू में तब्दील कर दिया।
नई दुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन और भोपाल में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उज्जैन में शिप्रा नदी उफान पर है जिसकी वजह से शहर में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। बारिश ने कई इलाकों को टापू में तब्दील कर दिया। निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं तो पॉश कॉलोनियों के घरों में भी कमर तक पानी भरा गया। महाकाल मंदिर का नंदीगृह भी जलमग्न हो गया। शिप्रा खतरे के निशान से चंद फिट नीचे बह रही है। उज्जैन में 444 मिमी और भोपाल में 148.8 मिमी बारिश हुई।
रेलवे ट्रैक पर पानी जमा होने से उज्जैन और नागदा के बीच रेल संपर्क कट गया। रेलवे ने 14 ट्रेनों को निरस्त कर दिया। जिला प्रशासन ने उज्जैन, शाजापुर, आगर देवास और इंदौर में सोमवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। जलमग्न बस्तियों के 600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। लोगों को नाव की मदद से बाहर निकाला गया। कई इलाकों में एक मंजिल तक पानी में डूबी थी। विदिशा, गुना, रायसेन और राजगढ़ में भी बाढ़ के हालात हैं। बेतवा नदी में उफान के कारण विदिशा-रायसेन, विदिशा-अशोकनगर, सिंरोज-भोपाल का संपर्क कटा हुआ है।
उप्र की नदियों में उतार-चढ़ाव
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में नदियों के जलस्तर का उतार-चढ़ाव का देख लोग दहशत में हैं। जलस्तर बढऩे के साथ ही तटवर्ती गांवों में हाहाकार की स्थिति बन जाती है जबकि घटने पर नदी से होने वाली कटान से तटबंध के भविष्य को लेकर लोग कांप जाते हैं। इधर उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश के मैदानी भागों में दो दिनों से बारिश न होने के कारण गंगा, रामगंगा व अन्य स्थानीय नदियों के जलस्तर में कमी देखी जा रही है। बलिया व मऊ में ही गंगा तथा घाघरा उफान पर हैं। पीलीभीत और सहारनपुर में भी नदियां का पानी बढ़ा है। मीरजापुर में तीन युवकों व राजगढ़ में एक व्यक्ति पर आकाशीय बिजली मौत बनकर गिरी। सोनभद्र में भी वज्रपात से दो की मौत हो गई।
झारखंड में नौ बच्चों समेत दस की मौत
रांची : झारखंड में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। कनहर व कोयल नदी में बाढ़ आ जाने से पहले से ही कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नदी-नालों में उफान के कारण पलामू व गुमला में छह बच्चों की डूबने से मौत हो गई। वज्रपात से लोहरदगा में तीन स्कूली छात्रों की और रांची में एक मजदूर की जान चली गई।
चारधाम यात्रा में भी बाधा
देहरादून : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्गों पर बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन से दिक्कतें आ रही हैं। जगह-जगह मलबा आने से बंद गंगोत्री व यमुनोत्री राजमार्ग रविवार को 11 घंटे बाद खुल पाए। बदरीनाथ राजमार्ग सिरोबगड़ के पास करीब 20 घंटे बाद खुला, जबकि कौडिय़ा (चमोली) के पास रविवार शाम को। केदारनाथ पैदल यात्रा जारी है, लेकिन हवाई सेवा सुबह बाधित रही और बाद में मौसम खुलने पर सुचारू हो गई। पिथौरागढ़ में जंगल में घास लेने गई महिला की भूस्खलन की चपेट में आकर मौत हो गई।
कश्मीर में फटे बादल, किशोर की मौत
श्रीनगर : कश्मीर में मौसम में सुधार तो हुआ, लेकिन बादल फटने का सिलसिला जारी रहा। मिनीमर्ग-नंदीमर्ग के अलावा बडगाम के युसमर्ग में बादल फटे। इनमें कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और एक किशोर की इस दौरान आई बाढ़ में मौत हो गई। दूसरी ओर, रामबन में भूस्खलन के चलते आठ घंटे तक बाधित रहा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बहाल हो गया।
मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे बंद
मुंबई : मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर रविवार दोपहर हुए भूस्खलन से एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन के बाद एक्सप्रेस वे बंद कर दिया गया। 100 किमी लंबे इस मार्ग पर इस मानसून के दौरान यह दूसरी घटना है।
गुजरात-राजस्थान में आज झमाझम बारिश
गुजरात और राजस्थान में झमाझम मानसूनी बारिश का इंतजार अब खत्म होने को है। स्काइमेट के अनुसार पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो धीरे धीरे पश्चिम की दिशा में बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से दक्षिण पूर्वी राजस्थान और गुजरात के पूर्व-मध्य जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है। इन दोनों राज्यों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश शुरू हो जाएगी और अगले दो से तीन दिनों तक वर्षा की गतिविधियां बनी रहेंगी।
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