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INX Media Case: चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित, ED से मांगी स्‍टेटस रिपोर्ट

INX मीडिया मनीलाड्रिग केस मेंं चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि याचिका पर ED की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 01:08 PM (IST)
INX Media Case:  चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित, ED से मांगी स्‍टेटस रिपोर्ट
INX Media Case: चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित, ED से मांगी स्‍टेटस रिपोर्ट

नई दिल्‍ली, जेएनएन। INX मीडिया मनी लांड्रिंग केस में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED)को मामले में अब तक के जांच की स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जमा कराने की अनुमति दी है।

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गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान आज कोर्ट में ED ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में विरोध जताया। ED ने दावा किया कि हिरासत से भी चिदंबरम ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिशें जारी रखीं। INX मीडिया केस में पूर्व वित्‍त मंत्री व कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। 

प्रर्वतन निदेशालय की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने जस्‍टिस आर बानुमाथी की अध्‍यक्षता वाली बेंच से कहा कि ये आर्थिक अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। इससे केवल देश की अर्थव्‍यवस्‍था ही नहीं बल्‍कि पूरे सिस्‍टम से लोगों का विश्‍वास डगमगा गया है। इस बेंच में जस्‍टिस एएस बोपन्‍ना और ऋषिकेश रॉय भी हैं।

सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि पी चिदंबरम निर्दोष हैं और इन्‍हें अंधेरे में रखा गया । यह मामला केवल INX मीडिया का ही नहीं है, इसमें अन्‍य कंपनियां भी शामिल हैं, जिसने FIPB की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।' 

उन्‍होंने आगे बताया कि लांड्रिंग व शेयर होल्डिंग पैटर्न में 16 कंपनियां शामिल थीं। 12 विदेश अकाउंट थे, 12 विदेशी संपत्तियों की पहचान की गई, 16 देशों में ऐसी संपत्तियों का पता चला है जिसका लिंक पी चिदंबरम से हो सकता है।

 इसके पहले जस्टिस आर बनुमथी की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई टाल दी थी। इससे पहले की सुनवाई में उनके वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि 21 अगस्त 2019 को चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के 60 दिन हो जाने के बाद सीबीआई की ओर से चार्जशीट नहीं दाखिल की गई और उन्‍हें जमानत मिल गई। अब प्रवर्तन  निदेशालय भी चार्जशीट दाखिल करने में सफल नहीं हुई है इसलिए उन्‍हें जमानत मिलनी चाहिए। बता दें कि INX मीडिया केस में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है।


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