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गोपाल अंसल की अर्जी पर गुरुवार को होगी सुनवाई

सुप्रीमकोर्ट ने उपहार अग्निकांड पीडि़त संघ और सीबीआइ की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए गोपाल अंसल को एक साल की पूरी कैद भुगतने का आदेश दिया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 08 Mar 2017 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 08 Mar 2017 10:38 PM (IST)
गोपाल अंसल की अर्जी पर गुरुवार को होगी सुनवाई
गोपाल अंसल की अर्जी पर गुरुवार को होगी सुनवाई

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपहार अग्निकांड में लापरवाही के दोषी सिनेमा घर मालिक गोपाल अंसल को बुधवार को सुप्रीमकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई। कोर्ट ने उनकी जेल से छूट मांगने की अर्जी पर सुनवाई होली बाद किये जाने और और तब तक के लिए समर्पण की तिथि बढ़ा देने की मांग ठुकरा दी। कोर्ट ने कहा कि वे गोपाल की अर्जी पर गुरुवार को ही सुनवाई करेंगे।

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सुप्रीमकोर्ट ने उपहार अग्निकांड पीडि़त संघ और सीबीआइ की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए गोपाल अंसल को एक साल की पूरी कैद भुगतने का आदेश दिया था। कोर्ट ने गत 9 फरवरी को सुनाए गये फैसले मे गोपाल अंसल को आगे की सजा भुगतने के लिए चार सप्ताह में समर्पण करने का आदेश दिया था। चार सप्ताह की यह अवधि कल गुरुवार को खत्म हो रही है। हालांकि सुप्रीमकोर्ट ने बड़े भाई सुशील अंसल को उम्र और बीमारियों का लाभ देते हुए काटी गई जेल को पर्याप्त सजा मान ली थी।

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गोपाल अंसल ने सुप्रीमकोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी भी उम्र और बीमारियों का हवाला दिया है और सुशील की तरह उसने भी काटी गई जेल को पर्याप्त सजा माने जाने की गुहार लगाई है। बुधवार को गोपाल अंसल के वकील राम जेठमलानी ने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश होकर गोपाल की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई न करके होली बाद सुनवाई करने का आग्रह किया। जेठमलानी ने कहा कि वे 9 और 10 तारीख को दिल्ली में नहीं है वे पढ़ाने के लिए पुणे जाएंगे। इसलिए कोर्ट गोपाल की अर्जी पर सुनवाई होली की छुट्टियों के बाद करे और तब तक के लिए समर्पण की अवधि बढ़ा दे क्योंकि कोर्ट द्वारा तय अवधि कल खत्म हो रही है।

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पीठ ने उनकी दलीलों पर कहा कि उन्हें मालूम है कि समर्पण की अवधि गुरुवार को खत्म हो रही है इसीलिए मामले को 9 मार्च को सुनवाई के लिए लगाया गया है। वैसे भी यह मामला दूसरी पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगा है। ये पीठ मामले में आदेश नहीं दे सकती। उपहार अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गयी थी और सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। निचली अदालत से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक ने सिनेमा घर के मालिकों को लापरवाही का दोषी ठहराया है।


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