Move to Jagran APP

बाबा रामदेव की याचिका पर SC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने रामदेव के इंटरव्यू का बिना एडिट किया हुआ वीडियो मांगा

योग गुरू बाबा रामदेव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने बाबा रामदेव के पूरे इंटरव्यू का बिना एडिट किया हुआ वीडियो मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर पांच जुलाई को सुनवाई होगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 01:29 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 01:29 PM (IST)
बाबा रामदेव की याचिका पर SC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने रामदेव के इंटरव्यू का बिना एडिट किया हुआ वीडियो मांगा
सोमवार को होगी याचिका पर अगली सुनवाई।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आइएएनएस। बाबा रामदेव की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने रामदेव के पूरे इंटरव्यू का बिना एडिट किया हुआ वीडियो मांगा है। अब मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होगी। बाबा रामदेव पर एक इंटरव्यू के दौरान एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। रामदेव की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्वामी जी ने स्पष्टीकरण दिया है। डॉक्टरों के प्रति उनके मन में पूरा सम्मान है, पिछले साल जब पतंजलि ने कोरोनिल दवा निकाली और डॉक्टरों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कोरोनिल वापस ले लिया. सभी को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। वायरल हुआ वीडियो आंशिक वीडियो था। मुकुल रोहतगी ने कहा कि बाबा रामदेव का जो वीडियो वायरल हुआ वह सही नहीं है, हम सही वीडियो कोर्ट में जमा करेंगे।

loksabha election banner

मुकुल रोहतगी ने साथ ही कहा कि स्वामी रामदेव को लेकर देशभर में विभिन्न शहरों में एफआईआर दर्ज कर दी गई है, हम यह चाहते हैं कि तमाम एफआईआर एक साथ यानी क्लब की जाएं और उनको दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। बाबा रामदेव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका पर पांच जुलाई को सुनवाई होगी। योग गुरू बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने मांग की कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ क्लब कर दिया जाए और इन्हें दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए। 

योग गुरू बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जगह-जगह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

बाबा रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.