Move to Jagran APP

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र पर 'सुप्रीम' फैसला कल, जानें क्या हैं किसकी दलीलें

Maharashtra Crisis महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के खिलाफ एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की संयुक्त याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 08:55 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 12:29 PM (IST)
Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र पर 'सुप्रीम' फैसला कल, जानें क्या हैं किसकी दलीलें
Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र पर 'सुप्रीम' फैसला कल, जानें क्या हैं किसकी दलीलें

मुंबई, एजेंसी।Maharashtra Crisis, महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट की ओर सबकी निगाहें थीं। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई पूरी होने के बाद कहा कि वह इस मामले में कल सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी।महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया को असंवैधानिक ठहराने की मांग के साथ कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना अदालत पहुंची हैं। इसपर अब कल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा।

loksabha election banner

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल (शिवसेना का प्रतिनिधित्व), अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस-एनसीपी का प्रतिनिधित्व), मुकुल रोहतगी (महाराष्ट्र भाजपा का प्रतिनिधित्व) और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम में मौजूद रहे। इस मामले पर बहस के बीच सभी पक्षों ने अपनी बात रखी। आईए जानते हैं कोर्टरूम में आज दिनभर किस तरह बहस चली।

सुप्रीम कोर्ट में बहस और दलीलें:

मुकुल रोहतगी ने पेश किया महाराष्ट्र भाजपा का पक्ष

महाराष्ट्र भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाले मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले में राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए 14 दिन का समय दिया है, उचित समय 7 दिन हो सकता है।अभी सबसे महत्वपूर्ण बात प्रोटेम स्पीकर, शपथ, स्पीकर का चुनाव और इसकी प्रक्रिया है।मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह महाराष्ट्र के राज्यपाल को 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट शुरू करने का निर्देश नहीं दे सकते। फ्लोर टेस्ट कल नहीं होना चाहिए। इसके लिए उचित समय 7 दिन है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा NCP और कांग्रेस का पक्ष

एनसीपी और कांग्रेस की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुझे आज फ्लोर टेस्ट हारने की खुशी है, लेकिन वे (भाजपा गठबंधन) फ्लोर टेस्ट नहीं चाहते हैं।उन्होंने कहा कि 154 विधायकों ने अपना समर्थन दिखाते हुए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इसे स्वीकार करने से इन्कार कर दिया कि यह अब याचिका का दायरा नहीं बढ़ा सकता है। उन्होंने शपथ पत्र वापस ले लिया।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा गठबंधन ने कोर्ट को जो दिखाया है, वह एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं, जो अजीत पवार को विधायक दल के नेता के रूप में चुन रहे हैं। भाजपा के गठबंधन में शामिल होने के लिए उन्हें समर्थन नहीं मिला। सरकार ने अजीत पवार को समर्थन दिया था। इसपर राज्यपाल आंखें बंद कैसे कर सकते हैं।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब दोनों दल फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है तो देरी क्यों होनी चाहिए। क्या एनसीपी का एक भी विधायक यहां कहता है कि हम भाजपा गठबंधन में शामिल होंगे? क्या कोई एक पत्र ऐसा कह रहा है। यह लोकतंत्र से साथ किया गया धोखा था।

कपिल सिब्बल ने रखा शिवसेना का पक्ष

शिवसेना का प्रतिनिधित्व कर रहे कपिल सिब्बल ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट 24 घंटे में आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाउस के सीनियर सदस्य को वीडियोग्राफी और सिंगल बैलेट के साथ इसका संचालन करना चाहिए। पूरे उजाले में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए।कपिल सिब्बल ने SC में कथित जल्दबाजी का जिक्र किया जिसके द्वारा राष्ट्रपति शासन को रद कर दिया गया था और महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में कभी नहीं किया गया है।

कपिल सिब्बल ने पूछा कि राष्ट्रीय आपातकाल क्या था, जिसे राष्ट्रपति शासन 5 बजकर 17 मिनट पर हटाया गया था और सुबह 8 बजे शपथ दिलाई गई थी ? राष्ट्रपति शासन को सुबह 5.17 बजे हचाया गया गया जिसका मतलब है कि 5.17 बजे से पहले सब कुछ हुआ।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

फ्लोर टेस्ट की मांग पर बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट अंतिम टेस्ट नहीं है। कोई भी पार्टी यह नहीं कह सकती है कि इसे 24 घंटे में आयोजित किया जाए।एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त याचिका पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कहना है कि इस तरह के मामलों में अदालत के पिछले फैसले का हवाला देते हुए अधिकांश मामलों में 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट किया गया, कुछ में 48 घंटे में किया गया है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा पक्ष

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि हमें 2-3 दिनों का समय दें और हमें जवाब दाखिल करने दें। राज्यपाल ने पूर्ण विवेक से 23 नवंबर को सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित किया।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्यपाल ने इसके बाद राष्ट्रपति को पत्र लिखा और राष्ट्रपति शासन रद करने का अनुरोध किया। गवर्नर ने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर सबसे बड़े दल के नेता को आमंत्रित किया। देवेंद्र फडणवीस के पास 170 विधायकों का समर्थन है।

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि राज्यपाल को 22 नवंबर अजीत पवार से 54 NCP विधायकों का समर्थन पत्र मिला। पत्र में कहा गया है कि वह (अजीत पवार) एनसीपी विधायक दल के प्रमुख हैं, और उनके समर्थन में 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं।

केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट से कहा गया कि यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि कोई भी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है,  इसके बाद राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राज्यपाल को सभी तथ्यों के बारे में पता था, चुनाव परिणामों के बाद की स्थिति जिसके कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन शुरू हो गया था।

सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना द्वारा संयुक्त याचिका पर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि मेरे पास मूल दस्तावेज हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल और सीएम देंवेंद फडणवीस के पत्र प्रस्तुत किए हैं।

रविवार को सुनवाई में क्या हुआ था?

महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया को असंवैधानिक ठहराने की शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को तत्काल फैसला देने से इन्कार कर दिया। मामले को समझने और कानूनी बारीकियां परखने के लिए अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि राज्यपाल का भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने का और देवेंद्र फडणवीस की ओर से सरकार बनाने का दावा करने वाले दोनों पत्र पेश करें। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सोमवार सुबह 10:30 बजे तक पत्र पेश करने को कहा गया था। 

तत्काल फ्लोर टेस्ट की मांग

इस मामले की सुनवाई कर जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने रविवार को कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किए जाने वाले पत्र की जांच करने के बाद वह तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग वाली शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की याचिका पर सुनवाई करेगी।

केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को नोटिस भी जारी किया था। शनिवार को नाटकीय घटनाक्रम में सुबह महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजीत पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.