जानिए क्यों पीपीई किट पहनने से इंदौर, जबलपुर और भोपाल में बेहोश हो रहे स्वास्थ्य कर्मचारी
जबलपुर के एक कंटेंमेंट क्षेत्र में पीपीई किट पहनकर सर्वे कर रहे मझगवां में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजर एचपी तिवारी बेहोश होकर गिर पड़े।
इंदौर/जबलपुर, जेएनएन। पीपीई किट की वजह से इंदौर, जबलपुर और भोपाल तीनों ही जगह से अब तक स्वास्थ्य कर्मचारियों के बेहेश होने की खबर आ चुकी है। शुरूआत इंदौर से हुई। लगभग हफ्तेभर पहले एमवाय अस्पताल के जूनियर डॉक्टर सहित चार स्टाफ पीपीई किट पहनने से बेहोश हो गए थे।
एमवायएच के मेल नर्स अरविंद डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए। वहीं, जबलपुर के एक कंटेंमेंट क्षेत्र में पीपीई किट पहनकर सर्वे कर रहे मझगवां में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजर एचपी तिवारी बेहोश होकर गिर पड़े। बगैर सिहोरा में एलएचवी उर्मिला कोरी पीपीई किट पहनकर कंटेंमेंट एरिया में सर्वे कर रही थीं।
पीपीई किट पहनने से बढ़ जाता है शरीर का तापमान
आरबीएसके के मेडिकल ऑफिसर डॉ. रश्मि का कहना है पीपीई किट पहनने के बाद शरीर का तापमान बढ़ जाता है। शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। भोपाल में भी एक दिन पहले गांधी मेडिकल कॉलेज में पीपीई किट से इसी तरह कर्मचारी बेहोश हो गए थे।
इंदौर में कम नहीं हो रहे कोरोना संक्रमण के मामले
वहीं, दूसरी ओर तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद इंदौर में कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है। हालत यह है कि प्रदेश की जनसंख्या में 4.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाला इंदौर कोरोना में 50 प्रतिशत का हिस्सेदार है। प्रदेश का हर दूसरा कोरोना पॉजिटिव मरीज इंदौर निवासी है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश की जनसंख्या करीब 7 करोड़ 26 लाख और इंदौर जिले की जनसंख्या 32 लाख 76 हजार है। इस लिहाज से प्रदेश की जनसंख्या में इंदौर का हिस्सा सिर्फ 4.5 प्रतिशत है। बावजूद इसके इंदौर कोरोना को लेकर हॉट स्पॉट बना हुआ है।
देश की बात करें तो पिछले चौबीस घंटे में 6,535 नए मामले सामने आए औ 146 लोगों की मौत हुई। कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,45,380 हो गई है और अब तक 4,167 लोगों की मौत भी हुई है। अब तक 60 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं।