स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के साथ शुरू किया संवाद, कहा- टीकाकरण के लिए मिलकर करनी होगी कोशिशें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि उन्होंने कोरोना के मसले पर सभी राज्यों के साथ एक-एक करके वहां की कोविड-19 की स्थिति और उनके मुख्य लक्षणों को लेकर बैठकें शुरू की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे...
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कोरोना के मामलों से संबंधित पूर्वानुमान मॉडल बनाने के लिए दुनिया के वैज्ञानिकों से संपर्क किया है। अनुसंधान आधारित उपायों में पाया गया है कि 3-4 महीनों तक उचित व्यवहार के जरिए भारत में कोरोना के मामलों में गिरावट की प्रवृत्ति बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि एहतियाती उपायों का समुचित ढंग से पालन किया जाए तो फरवरी तक हमारे पास 40 हजार सक्रिय केस होंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीकाकरण प्रक्रिया, कर्मचारियों एवं अन्य लॉजिस्टिक्स के प्रशिक्षण के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों की ओर से मिलकर प्रयास किए जाने की जरूरत है। मैंने फिर से सभी राज्यों के साथ एक-एक कर, वहां की कोविड-19 की स्थिति और उनके मुख्य लक्षणों को लेकर बैठकें शुरू की हैं। आज सबसे पहली बैठक गुजरात के साथ की है। मुझे यकीन है कि हमारा देश आने वाले वक्त में भी कोरोना के मामलों में धीमी गिरावट की प्रवृत्ति को बरकरार रखेगा।
बीते शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही कोराना वायरस के टीके का घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू कर देगा। उन्होंने कहा था कि देश में कोरोना के तीन टीकों को विकसित करने का कार्य प्रगति पर है। इनमें से एक क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में है जबकि दो अन्य दूसरे चरण के परीक्षण में है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा था कि सर्दियों और त्योहारों का मौसम रहने के चलते अगले ढाई महीने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफी महत्वपूर्ण हैं। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह एहितयात में कमी ना करे।
उल्लेखनीय है कि हर्षवर्धन ने रविवार को कहा था कि कोरोना का सामुदायिक तौर पर संक्रमण चुनिंदा राज्यों के कुछ जिलों में सीमित है। उन्होंने साफ किया था कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन पूरे देश में नहीं हो रहा है। 'सन्डे संवाद' के छठे एपिसोड में सोशल मीडिया फॉलोअरों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल समेत अनेक राज्यों के विभिन्न हिस्सों में और खासतौर पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन यानी सामुदायिक संक्रमण हो रहा है। सनद रहे कि केंद्र सरकार अभी तक सामुदायिक संक्रमण की बात से इनकार करती रही है।