कोर्ट ने बीएसएफ को दिया 11 लाख मुआवजा देने का निर्देश
सीमा सुरक्षा बल द्वारा भारत बंगलादेश सीमा पर सात साल पहले हुए फायरिंग में एक नौजवान युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी । मेघालय हाई कोर्ट ने इस मामले में सीमा सुरक्षा बल को मृत युवक के परिजनों को मुआवजा के तौर पर 11 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है।
शिलांग। सीमा सुरक्षा बल द्वारा भारत बंगलादेश सीमा पर सात साल पहले हुई फायरिंग में एक नौजवान युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी । मेघालय हाई कोर्ट ने इस मामले में सीमा सुरक्षा बल को मृत युवक के परिजनों को मुआवजा के तौर पर 11 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है।
मेघालय हाई कोर्ट के जज सुदीप रंजन सेन ने सोमवार को अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई शक नहीं है उस नौजवान युवक की मौत गोली लगने से ही हुई। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के बेटे की मौत हुई है इसलिए उसे मुआवजा दिया जाय। जज सुदीप सेन ने बीएसएफ को निर्देश दिया है कि तीन महीने के अंदर पीड़ित को मुआवजा की राशि दिया जाय।
मृतक मिथुन के पिता और याचिकाकर्ता बैती संगमा ने बताया कि तीन मार्च 2007 को खासीमारा गांव में शोरगुल होने पर दोनों वहां पहुंचे थे, जबकि बीएसएफ का कहना है कि लोग वहां एकत्र होकर बांस की तस्करी कर रहे थे जिसको तितर बितर करने के लिए बीएसएफ के जवान ने गोलियां चलाई थी। गांव के ही प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बीएसएफ द्वारा किए गए कार्रवाइ में गांव की दो लड़कियां को भी गंभीर रूप से घायल हुई थी।
कोर्ट ने इस केस के जांच के भी आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़के की मौत गोली लगने से हुई है।