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पीएम के बच्‍चे फिर भी आता है खाना बनाने, माता-पिता ने बनाया आत्‍मनिर्भर

जस्टिन ट्रूडो के तीनों बच्‍चे जेवियर, एला ग्रेस और हेड्रियन काफी सुर्खियाें में बने हुए हैं। हर मौके पर उनका हर अलग अंदाज लोगों के दिल छू रहा है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Fri, 23 Feb 2018 01:28 PM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2018 03:01 PM (IST)
पीएम के बच्‍चे फिर भी आता है खाना बनाने, माता-पिता ने बनाया आत्‍मनिर्भर
पीएम के बच्‍चे फिर भी आता है खाना बनाने, माता-पिता ने बनाया आत्‍मनिर्भर

नई दिल्ली, पीटीआई। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो इस वक्‍त भारत दौरे पर हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर इस दौरे के कई महत्‍वपूर्ण मायने हैं। मगर भारतीय लोग इससे ज्‍यादा उनके परिवार में दिलचस्‍पी लेते नजर आ रहे हैं। खास तौर सेे जस्टिन ट्रूडो के तीनों बच्‍चे जेवियर, एला ग्रेस और हेड्रियन काफी सुर्खियाें में बने हुए हैं। हर मौके पर उनका हर अलग अंदाज लोगों के दिल छू रहा है।

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बच्‍चों की परव‍रिश को लेकर भी जस्टिन ट्रूडो और उनकी पत्‍नी सोफी को सराहा जा रहा है। बच्‍चों के हाव-भाव से मासूमियत के साथ उनकी परिपक्‍वता भी साफ झलक रही है। वाकई में इसके पीछे उनके माता-पिता खास तौर से सोफी ट्रूडो का हाथ है, जिन्‍होंने बच्चों की परवरिश, लैंगिक समानता और आत्मनिर्भरता के बारे में सीख देते हुए कहा है कि उन्होंने अपने बच्चों को मूल आहार (बेसिक मील) भी बनाना सिखाया है।

'शी विल ग्रो इनटू इट' नामक वैश्विक अभियान की एशिया में शुरुआत करते हुए सोफी ने गुजरात से आई हुईं 12 स्कूली लड़कियों के साथ बातचीत में इसकी जानकारी दी। आपको बता दें कि ट्रूडो दंपत्ती के तीन बच्चे हैं, जो क्रमश: 9, 8 और 4 वर्ष के हैं। इनमें दो बेटियां और एक बेटा है, जो खास तौर से अपने मासूम अंदाज से भारतीय लोगों के बीच कम समय में ही पॉपुलर हो गया है। उसका हर अंदाज लोगों को 'हाउ क्‍यूट' कहने पर मजबूर कर रहा है।

सोफी ने कहा कि उनके तीन बच्‍चे हैं, जिसकी वजह से वह काफी व्‍यस्‍त रहती हैं। उन्‍होंने एक महीने पहले की एक घटना भी बताई, जब बच्‍चे अकेले घर पर थे। सोफी ने कहा, मैं घर से बाहर निकल गई थी और बाद में याद आया कि वे बिना किसी की निगरानी के हैं। मैं तुरंत भागकर घर गई और जब मैंने घर में कदम रखा तो देखा कि उन्‍होंने आमलेट बनाया था और वह मेरी बेटी थी जिसने अपने छोटे भाई के लिए बनाया था। यह देखकर सोफी की खुशी का ठिकाना नहीं था।

वहीं कार्यक्रम के दौरान सोफी ने महिलाओं को मानवता का गर्भास्थान बताते हुए युवा महिलाओं को निडर बनने और सिर उठाकर दुनिया का सामना करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि वे उन लोगों की आवाज बनें, जो अपनी आवाज खुद बुलंद नहीं कर सकते। साथ ही ऐसा करते वक्त वे उसकी खुशी भी महसूस करें।

गौरतलब है कि जस्टिन ट्रूडो पीएम नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर सात दिवसीय भारत दौरे पर हैं और अब तक कई पर्यटन स्‍थलों का दौरा भी कर चुके हैं, जिनके लिए लोग सात समुंदर पार से आते हैं। इनमें ताज महल के दीदार, गांधी आश्रम में चरखा चलाने के साथ-साथ स्‍वर्ण मंदिर में मत्‍था टेकने से लेकर सेवा करना भी शामिल है। 


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