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हर्षवर्धन बोले- हमने दूसरे देशों की तुलना में कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ी जंग, बताया क्‍या है सरकार का लक्ष्‍य

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में भारत कोरोना महामारी से इसलिए बेहतर तरीके से निपटने में समर्थ रहा क्योंकि सरकार के सभी अंगों और समाज के बहुत बड़े तबके ने एक साथ मिलकर इससे लड़ाई लड़ी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 09:25 PM (IST)
हर्षवर्धन बोले- हमने दूसरे देशों की तुलना में कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ी जंग, बताया क्‍या है सरकार का लक्ष्‍य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में भारत कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ा...

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में भारत कोरोना महामारी से इसलिए बेहतर तरीके से निपटने में समर्थ रहा, क्योंकि सरकार के सभी अंगों और समाज के बहुत बड़े तबके ने एक साथ मिलकर इससे लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले साल के अंत तक सभी बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और पौष्टिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

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97 फीसद हुई रिकवरी रेट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री शनिवार की रात ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजिन (बीएपीआइओ) वेल्स के वार्षिक सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत में कोरोना मरीजों के उबरने की दर बढ़कर 97 फीसद हो गई और मृत्युदर 1.44 फीसद पर बनी हुई है, जो दुनिया में सबसे कम है।

बेहतर ढंग से लड़ने में सक्षम रहे

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हर्षवर्धन ने कहा,'कोरोना महामारी दिसंबर, 2019 में पनपी और दुनियाभर में फैल गई। 'संपूर्ण सरकार' और 'संपूर्ण समाज' के दृष्टिकोण से हम दूसरे देशों की तुलना में महामारी से बेहतर ढंग से लड़ने में सक्षम रहे।' संपूर्ण सरकार से मतलब सरकार के सभी मंत्रालयों, प्रशासनिक विभागों और एजेंसियों से हैं और संर्पूण समाज का मतलब समाज के एक बहुत बड़े तबके से है।

डब्ल्यूएचओ के एलान के तुरंत बाद हुआ एक्‍शन

हर्षवर्धन ने दावा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना को जब महामारी घोषित किया, उसके एक घंटे के भीतर भारत ने इस पर प्रतिक्रिया दी। आठ जनवरी, 2020 को हमारी प्लानिंग शुरू हुई और 17 जनवरी तक दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार कर लिया गया। उसी दिन से संदिग्ध मरीजों पर निगरानी शुरू हो गई और उनके संपर्क में आने वाले लोगों की तलाश भी शुरू कर दी गई।

बढ़ाई गई प्रयोगशालाओं की संख्‍या

हर्षवर्धन ने कहा कि जब महामारी फैली तो भारत में उसके वायरस की जांच के लिए पुणे में सिर्फ एक प्रयोगशाला (राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान) थी, आज इनकी संख्या बढ़कर 2,362 हो गई है। भारत कोरोना वायरस को पृथक करने वाले पहले देशों में पहला था।

75वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को उपहार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2022 में भारत के 75वें स्वतंत्रता साल में देशवासियों को एक नया भारत देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, 'सरकार का लक्ष्य अगले साल के अंत तक सभी बच्चों को पर्याप्त स्वास्थ्य, शिक्षा और पौष्टिक सुविधाएं और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने का लक्ष्य है। भारत में केवल राष्ट्रवाद और मानवतावाद कायम रहेगा। यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मोटो है।'


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