हिरासत में लिए गए हार्दिक पटेल, इंटरनेट सेवा भी बंद
गुजरात में पटेलों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को उनके 78 समर्थकों के साथ आज सुबह शुरू होने वाली एकता यात्रा से पहले ही हिरासत में ले लिया गया। इन्हें पहले वर्क्षा पुलिस स्टेशन और फिर बाद में सूरत पुलिस हैडक्वार्टर ले जाया गया है। हार्दिक
सूरत। गुजरात में पटेलों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को उनके 78 समर्थकों के साथ आज सुबह शुरू होने वाली एकता यात्रा से पहले ही हिरासत में ले लिया गया। इन्हें पहले वर्क्षा पुलिस स्टेशन और फिर बाद में सूरत पुलिस हैडक्वार्टर ले जाया गया है। हार्दिक ने आरोप लगाया है कि गुजरात की सरकार और पुलिस राज्य में अस्थिरता का माहौल पैदा करना चाहती है। आज की इस यात्रा के मद्देनजर पूरे राज्य में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। सूरत समेत कई अन्य जगहों पर एहतियातन इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई है।
इसके विरोध में शहर के हीराबाग विस्तार से एक अन्य एकता यात्रा निकाल रहे पास के सह संयोजक निखिल सवाणी और उनके कुछ समर्थकों को भी बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उधर हार्दिक को हिरासत में लिये जाने के मद्देनजर दांडी के आसपास के 90 गांवों के ग्रामीणों के साथ उनके खिलाफ निकलने वाली ओबीसी एकता मंच समर्थित प्रतिकार यात्रा भी नहीं निकाली गई। मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर ने कहा कि अगर पास की यात्रा निकलती, तो वे काले झंडो के साथ अपनी प्रतिकार यात्रा निकालते, पर अब इसका कोई मतलब नहीं रहा। दोनो ही यात्राओं को प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिली थी।
आज होने वाली इन यात्राओं को प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी थी। शुक्रवार देर शाम को इस यात्रा की मंजूरी के लिए जिला कलेक्टर को अर्जी दी गई थी जिसको उन्होंने नामंजूर कर दिया था। इसके बावजूद हार्दिक ने साफ कर दिया है कि वह हर हाल में यह एकता यात्रा निकालेंगे। इसको देखते हुए पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
नवसारी के जिला कलेक्टर रम्या मोहन ने कहा कि एकता यात्रा को मंजूरी नहीं दी गई है। बिना अनुमति के इस तरह की यात्रा निकाली जाएगी तो ऐसा करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होने बताया कि हिंसा तथा टकराव की आशंका के मद्देनजर इसे मंजूरी नहीं दी गई है। हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक इस रैली के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध के संबंध में भी कोई निर्णय नहीं लिया है।
गौरतलब है कि हर्दिक ने पहले भी दो बार इस यात्रा को निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन इसको नामंजूर कर दिया गया था। उस वक्त इस यात्रा को रिवर्स दांडी मार्च नाम दिया गया था। बाद में इसका नाम बदलकर एकता मार्च कर दिया गया था। अनुमति न मिलने के चलते ही पहले दो बार इस यात्रा को स्थगित किया गया था।
गौरतलब है कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के संयोजक हार्दिक पटेल ने पटेलों को आरक्षण की देने की मांग पर अांदोलन चलाया हुआ है। इसके तहत वह पहले भी राज्य में एक विशाल रैली कर चुके हैं। हालांकि इस रैली के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई थी। उनका कहना है कि वह अपनी मांग के तहत शांतिपूर्ण तरीके से बहुचर्चित दांडी से अहमदाबाद के साबरमती आश्रम तक यात्रा निकालना चाहते हैं। लेकिन प्रशासन इसके लिए जानबूझकर मंजूरी नहीं दे रहा है।
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